हिन्दुओं के संगठित विरोध की सफलता
#BoycottFabIndia आज सुबह से ही ट्विटर पर ट्रेंड हो रहा था । फैब इंडिया ने अपने फेस्टिव सीजन के लिए Jashn-e-Riwaaz कैंपेन लॉन्च था। इस कैंपेन में दीवाली के लिए कपडे लॉन्च किए गए हैं और नाम दिया गया है Jashn-e-Riwaaz। इस तरह कैंपेने को उर्दू शब्द देकर हिंदू धर्म की वीरासत पर आक्रमण किया था ।
FabIndia के इस रवैये को देखते ट्विटर पर हिन्दुओं ने #BoycottFabIndia द्वारा फॅब इंडिया पर बहिष्कार डालने की मांग की । यह ट्रेंड शीर्ष स्थान पर था । इस जोरदार विरोध के बाद अब फैब इंडिया ने यह कैंपेन अब वापस लिया है । उन्होंने अपने वेबसाइट से सभी पोस्टर पर लगाए गए जश्न-ए-रिवाज का लोगो होनेवाले बॅनर्स हटा दिए है ।
इससे पहले FabIndia ने ट्वीट करते हुए बताया था कि, ‘जैसा कि हम प्यार और प्रकाश के त्योहार का स्वागत करते हैं, फैबइंडिया द्वारा जश्न-ए-रियाज एक ऐसा संग्रह है जो खूबसूरती से भारतीय संस्कृति को श्रद्धांजलि देता है।’ हालांकि विरोध के बाद फैबइंडिया ने अपना ट्वीट डिलिट कर दिया था ।
फैब इंडिया के जश्न-ए-रिवाज कैंपेन पर सबसे पहले तंज पद्श्री और मणिपाल ग्लोबल एजुकेशन के चैयरमैन मोहनदास पाई ने कसा। उन्होंने कहा, ‘दीपावली पर फैब इंडिया का बहुत ही शर्मनाक बयान ! यह एक हिंदू धार्मिक त्योहार है जैसे क्रिसमस और ईद दूसरों के लिए है ! इस तरह का बयान एक धार्मिक त्योहार को खत्म करने की की सोची-समझी कोशिश को दिखाता है!’
Very shameful statement by @FabindiaNews on Deepavali! This is a Hindu religious festival just as Christmas and EID is for others! This kind of statement shows a very deliberate attempt to subvert a religious festival! @ARanganathan72 @PrinceArihan @anuraag_saxena https://t.co/L3PN6Nj4f8
— Mohandas Pai (@TVMohandasPai) October 18, 2021
इसके बाद फैब इंडिया की आलोचना शुरू हो गई। बीजेवाईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या ने कहा, ‘दीपावली जश-ए-रियाज नहीं है । ऐसे जानबूझकर किए गए दुस्साहस के लिए आर्थिक नुकसान का सामना करना पडेगा ।
Deepavali is not Jash-e-Riwaaz.
This deliberate attempt of abrahamisation of Hindu festivals, depicting models without traditional Hindu attires, must be called out.
And brands like @FabindiaNews must face economic costs for such deliberate misadventures. https://t.co/uCmEBpGqsc
— Tejasvi Surya (@Tejasvi_Surya) October 18, 2021
लेखिका शेफाली वैद्य ने कहा, ‘इसे ‘प्रेम और प्रकाश का त्योहार’ कहें, संग्रह का शीर्षक ‘जश्न-ए-रिवाज़’, मॉडल के माथे से बिंदियों को हटा दें, लेकिन हिंदुओं से अपेक्षा करें कि वे ‘भारतीय संस्कृति को श्रद्धांजलि’ के नाम पर आपके अत्यधिक, बड़े स्तर पर उत्पादित उत्पादों को खरीद लें!’
Wow @FabindiaNews great job at de-Hinduising Deepawali! Call it a ‘festival of love and light’, title the collection ‘Jashn-e-Riwaaz’, take Bindis off foreheads of models but expect Hindus to buy your overpriced, mass produced products in the name of ‘homage to Indian culture’! https://t.co/S47g1ArUbB
— Shefali Vaidya. ?? (@ShefVaidya) October 18, 2021
हिन्दू जनजागृति समिति ने भी इसका विरोध किया था।
क्लोथिंग, होम डेकोर और लाइफस्टाइल प्रोडक्ट्स से जुड़ी कंपनी @FabindiaNews ने अपने फेस्टिव सीजन के लिए Jashn-e-Riwaaz कैंपेन में दीवाली के लिए कपडे लॉन्च किए गए हैं और नाम दिया गया है Jashn-e-Riwaaz। हिंदुओं में ना जश्न होता है ना रिवाज होता है। #BoycottFabIndia pic.twitter.com/V3eOv1DEtU
— HinduJagrutiOrg (@HinduJagrutiOrg) October 18, 2021