हिन्दू जनजागृति समिति की शिकायत उपरांत साळाव-रेवदंडा (जनपद रायगढ) पूल की दुःस्थिति के विषय में जिलाधिकारी द्वारा जांच का आदेश !
रायगढ : महाड के सावित्री पुल पर हुई दुर्घटना में ४० लोगों की मृत्यु हाने के उपरांत भी रायगढ के प्रशासन ने उससे कुछ बोध लिया है, ऐसा दिखाई नहीं देता । यातायात भरे साळाव-रेवदंडा पुल की दुःस्थिति हुई है । इस विषय में हिन्दू जनजागृति समिति प्रणित सुराज्य अभियान के अंतर्गत रायगढ के जिलाधिकारी को १५ नवंबर को ज्ञापन प्रस्तुत किया गया था । उस पर रायगढ के जिलाधिकारी ने संबंधित विभाग को इस पुल की दुरवस्था के विषय में जांच कर उचित कार्यवाही करने का आदेश दिया है । ४ दिसंबर को आयोजित पत्रकार परिषद में हिन्दू जनजागृति समिति के महाराष्ट्र एवं छत्तीसगढ राज्य संगठक श्री. सुनील घनवट ने यह प्रश्न उठाया है कि प्रशासन की उपेक्षा के कारण इससे पूर्व सावित्री नदी पर स्थित पुल गिरने की भीषण दुर्घटना होकर भी यदि प्रशासन नहीं जागता हो, तो और कितने पुल गिर जाने के उपरांत प्रशासन जागेगा ?
रेवदंडा (रायगड)(#Maharashtra) येथील साळाव पुलाच्या दूरवस्थेविषयी जिल्हाधिकार्यांकडून चौकशीचा आदेश !
आणखी किती बळी गेल्यावर प्रशासनाला जाग येणार आहे ? – @SG_HJS
वाहतुकीची वर्दळ असलेल्या रेवदंडा नदीवरील साळाव पूल आणि नागोठणे पूल यांची दूरवस्था झाली आहे. @iAditiTatkare pic.twitter.com/ZYzpACH9VN
— HinduJagrutiOrg (@HinduJagrutiOrg) December 4, 2021
हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से पत्रकार परिषद लेकर इस पुल की, साथ ही अन्य पुलों की दुःस्थिति के विषय में जानकारी दी गई । इस पत्रकार परिषद में सनातन संस्था की श्रीमती विशाखा आठवले उपस्थित थीं । उन्होंने इस पत्रकार परिषद की प्रस्तावना की ।
श्री. सुनील घनवट ने आगे कहा कि,
१. हिन्दू जनजागृति समिति के कार्यकर्ताओं ने जब साळाव-रेवदंडा पुल का प्रत्यक्ष अवलोकन किया, तब इस पुल पर घांस और पेडों के उगने की बात सामने आई । इसके कारण पुल के निर्माणकार्य में दरारें पड रही हैं ।
२. इस पुल पर दीपों की व्यवस्था और आवश्यक सूचनाओं के फलक भी नहीं है । पुल की दोनों बाजुओं में रोड ब्लिंकर अथवा केंट आई नहीं हैं । पत्थर के निर्माणकार्य में बनी गई कमान, पुल का नवीनीकरण आरैअ सुरक्षितता के विषय में सरकार ने आदेश भी निकाला है; परंतु उसकी कार्यवाही नहीं हुई है । उसके कारण रात के समय विशेषरूप से वर्षाऋतु में दुर्घटना होने की संभावना है; इसलिए प्रशासन तत्परता से इस पुल का नवीनीकरण पूर्ण करे ।
३. सावित्री नदी पर स्थित पुल पर हुई दुर्घटना के उपरांत जांच के लिए गठित की गई समिति पर लाखों रुपए का व्यय कर ब्योरा बनाया गया, उसमें ब्योरा समिति ने पुल पर दीपों की व्यवस्था करने, सूचना फलक लगाने और वनस्पतियों को काटने आदि उपाय सुझाए हैं । सरकार ने उस विषय में आदेश भी निकाला है; परंतु दुर्घटनास्थल पर रायगढ जनपद के प्रशासन ने इसकी अभीतक किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं की है ।
४. विषय की गंभीरता को ध्यान में लेकर प्रशासन को समय रहते ही संकटकारी पुलों का नवीनीकरण करना चाहिए । भविष्य में पुनः कोई दुर्घटना हुई, तो अपने कर्तव्य में ढिलाई बरतने के कारण संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध आपराधिक अभियोग पंजीकृत किया जाना चाहिए ।
नागोठणे के पुल की स्थिति भी दयनीय !
श्री. सुनील घनवट ने बताया कि साळाव-रेवदंडा पुल की भांति नागोठणे के पुल की स्थिति भी दयनीय बन गई है, ऐसा समिति के ध्यान में आया । इस विषय में भी १ दिसंबर को सुराज्य अभियान की ओर से जिलाधिकारी को ज्ञापन प्रस्तुत किया गया है, यह मांग भी प्रशासन से की गई है ।