‘हिन्दू देवस्थानोंको सेक्युलर बनानेका षड्यंत्र !’ इस विषय पर ‘ऑनलाइन’ विशेष संवाद !
हिन्दू मंदिरों की व्यवस्थापन समितियों में अन्य धर्मियों ने भी घुसपैठ की है । हिन्दू मंदिरों के नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है । जो निधर्मी लोग हिन्दू मंदिरों का कामकाज चलाना चाहते हैं, वे ही हिन्दुओं की देवी-देवताओं को ‘सैतान’ मानते हैं । मंदिर परिसर के पास अन्य धर्मीय अपनी दुकान खोलते हैं, किंतु मस्जिदें एवं चर्च के समीप हिन्दुओं के उत्सवों की शोभायात्रा निकालने पर उसे विरोध किया जाता है । ‘हलाल’ पर प्रतिबंध लगाने, हिन्दुओं के उत्सवों के निमित्त शोभेयात्राओंo को स्वतंत्रता देने पर सर्वोच्च न्यायालय ने निर्णय करना चाहिए; परंतु हिंदुओं के मंदिर अन्य धर्मियों के नियंत्रण में देने का निर्णय हिन्दुओं पर लादा जा रहा है । सरकार आणि सर्वोच्च न्यायालय को हिन्दुओं के मंदिरों का धन, नियमों में हस्तपेक्ष करने का अधिकार नहीं है, ऐसा स्पष्ट प्रतिपादन तेलंगाना के स्वामी परिपूर्णानंद महाराजजी ने किया । हिन्दू जनजागृति समिति आयोजित ‘हिन्दू देवस्थानों को सेक्युलर बनाने का षड्यंत्र !’ इस ‘ऑनलाइन’ विशेष संवाद में वे बोल रहे थे ।
‘हिंदु फ्रंट फॉर जस्टिस्’ के प्रवक्ता अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कहा कि, सरकार किसी भी प्रकार से हिन्दुओं के मंदिरों को नियंत्रण में नहीं रख सकती । भक्त एवं श्रद्धालु जो पैसा हिंदुओं के मंदिर में अर्पण करते हैं, वह पैसा सरकार अन्य धर्मियों के लिए कैसा उपयोग में ला सकती है ? यह हिंदुओं के साथ विश्वासघात एवं घोटाला है । मंदिरों में केवल देवताओं के नियम चलेंगे । हिन्दुओं के मंदिर व्यवस्थापन में अन्य धर्मीय हस्तक्षेप कर हिंदुओं के मंदिर भ्रष्ट कर रहे हैं । संविधान के अनुच्छेद 26 के अनुसार ‘ हिंदुओं को अपने मंदिरों की व्यवस्था देखने का पूर्ण अधिकार है’, तथा अनुच्छेद 25 के अनुसार ‘ हिंदुओं को अपनी धार्मिक स्वतंत्रता अबाधित रखकर धर्म अपनी पद्धति से जीने का अधिकार है ।’ अधिवक्ता विष्णु जैन ने बताया कि, इस विषय में हिन्दुओं का पक्ष वे सर्वोच्च न्यायालय में रखेंगे, यदि न्यायालय ने इसकी अनदेखी की, तो जनता में जाग्रति कर हिन्दुओं की आवाज लोकप्रतिनिधियों द्वारा संसद में पहुचाएंगे ।
कर्नाटक के अधिवक्ता श्रीहरी कुत्स ने कहा, अन्य धर्मियों को मंदिर परिसर में दुकान खोलने के लिए अनुमति दी जाती है; परंतु क्या मस्जिद परिसर में हिन्दुओं को दुकान चलाए दिए जाएंगे ? सरकार मंदिरों को प्रेक्षणीय, पर्यटन स्थल के समान क्यों देख रही है ? इस पर रोक लगनी चाहिए । इस समय हिन्दू जनजागृति समिति के प्रवक्ता श्री. नरेंद्र सुर्वे ने कहा कि, मंदिर धर्म की आधारशीला है । विविध सरकारों ने मंदिरों को अधिग्रहीत कर मंदिरों को लुटना आरंभ किया है । अनेक मंदिरों की भूमि पर अतिक्रमण कर वह भूमि हडप ली गई । मंदिरों के धन का अनुचित उपयोग हज यात्रियों को अनुदान देने सहित अनेक बातों के लिए किया जा रहा है । अब उन्होंने धार्मिक परंपराओं में हस्तक्षेप करना आरंभ किया है । हिंदुओं की मंदिर संस्कृति को नष्ट करने के प्रयास एक सुनियोजित षड्यंत्र द्वारा किए जा रहे हैं । यह वेदनादायी हैं । जिससे हिंदुओं के मन में असंतोष निर्माण हो रहा है । अब हिन्दू समाज यह अधिक काल सहन नहीं करेगा ।