हिन्दू राष्ट्र स्थापना का कार्य करने के लिए भगवान का भक्त बनना आवश्यक ! – पू. रमानंद गौडा, धर्मप्रचारक, सनातन संस्था
गदग (कर्नाटक) : प्रत्येक हिन्दुत्वनिष्ठ कार्यकर्ता को आध्यात्मिक स्तर पर हिन्दू राष्ट्र स्थापना का कार्य करना है । उसके लिए व्यक्तिगत आध्यात्मिक साधना कर स्वयं में सात्त्विकता बढानी होगी । हिन्दू राष्ट्र स्थापना का कार्य करने हेतु भगवान का भक्त होना पडेगा, ऐसा मार्गदर्शन सनातन संस्था के धर्मप्रचारक पू. रमानंद गौडाजी ने किया । गदग के क्रांतिवीर संगोळी रायण्णा स्नातकपूर्व महाविद्यालय में हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से दो दिन की हिन्दू-राष्ट्र संगठक कार्यशाला का आयोजन किया गया था । उसमें मार्गदर्शन करते हुए वे ऐसा बोल रहे थे । इस कार्यशाला में हुब्बळ्ळी, गदग, हगरिबोम्मनहळ्ळी और धारवाड से आए हिन्दुत्वनिष्ठों का उत्स्फूर्त प्रत्युत्तर प्राप्त हुआ ।
इस कार्यशाला में समिति के उत्तर कर्नाटक समन्वयक श्री. विजय रेवणकर (आध्यात्मिक स्तर ६५ प्रतिशत) और धारवाड के समन्वयक श्री. व्यंकटरमण नायक ने हिन्दू राष्ट्र की संकल्पना विशद की । सनातन संस्था की श्रीमती विदुला हळदीपुर ने साधना का महत्त्व और स्वभावदोष निर्मूलन के विषय में जानकारी बताई ।
विशेषतापूर्ण
इस कार्यशाला के उपरांत धर्मप्रेमियों ने ९ स्थानों पर धर्मसभा लेने की, साथ ही ३ स्थानों पर स्वरक्षा प्रशिक्षणवर्ग आरंभ करने की मांग की । कुछ धर्मप्रेमियों ने समिति के कार्य में क्रियाशील सहभाग लिया । कार्यशाला के उपरांत कुछ धर्मप्रेमियों ने नमक के पानी का उपाय, नामजप करनेसहित आदि व्यष्टि साधना का आरंभ किया है ।
कार्यशाला में सम्मिलित धर्मप्रेमियों के अभिप्राय
१. श्रीमती पार्वती, हगरीबोम्मनहळ्ळी : यहां हमें समय का पालन कैसे करना चाहिए, यह सिखने को मिला ।
२. श्री. श्रीधर पुरोहित, हगरिबोम्मनहळ्ळी : बाहर व्यक्तित्व के विकास का प्रशिक्षण देने के लिए सहस्रों रुपए लिए जाते हैं; परंतु कार्यशाला में स्वभावदोष और अहं निर्मूलन कैसे करना चाहिए ?, यह निःशुल्क बताकर हमारा व्यक्तित्व का विकास होने के लिए सहायता की । उसके लिए मैं आपकी आभारी हूं । केवल हिन्दू जनजागृति समिति को यही यह संभव है ।
३. श्री. दुंडप्पा सवनूर, लक्ष्मेश्वर : अनुशासन का पालन कैसे करना चाहिए, यह यहां सिखने को मिला, साथ ही अनिष्ट शक्तियों के कष्ट के लिए नामजपादि उपाय सिखने को मिला ।
४. श्री. बसवराज गरग, हगरिबोम्मनहळ्ळी : हिन्दू राष्ट्र स्थापना के लिए हम सभी को संगठित होकर आध्यात्मिक स्तर पर लडना है, यह सिखने को मिला ।