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Sign Petition : देश में हो रही हिन्दुओं की हत्‍याएं रोकने हेतु जिहादियों पर कठोर कार्यवाही करें, तथा उनकी सहायता करनेवाले संगठनों पर प्रतिबंध लगाएं !

नुपूर शर्मा के वक्‍तव्‍य का समर्थन किया, कोई धार्मिक टिप्‍पणी की अथवा सामान्‍य विवाद का हौवा बनाकर संपूर्ण देश में एक के पश्‍चात एक हिन्दुओं को चुनकर मार डाला जा रहा है । जिहादियों ने राजस्‍थान में सिलाई का काम करनेवाले कन्‍हैय्‍यालाल तथा महाराष्‍ट्र के अमरावती की औषधि की दुकान के मालिक उमेश कोल्‍हे की निर्मम हत्‍या की । कुछ दिन पूर्व बिहार के सीमामढी में अंकित झा नामक युवक ने ‘यू ट्यूब’ पर नुपूर शर्मा का वीडियो देखा; इसके कारण जिहादियों ने उसे चाकू से ६ बार भोंपा । कर्नाटक के दक्षिण कन्‍नड जिले में भाजपा युवा मोर्चा के जिला सचिव प्रवीण नेत्तारू की गर्दन पर कुल्‍हाडी से वार कर उनकी हत्‍या की । मध्‍य प्रदेश के महाविद्यालयीन छात्र निशांक राठौर का रेल पटरी के पास दो भागों में टुकडे किया गया शव मिला है । उसके उपरांत उसके पिता उमाशंकर राठौर को मोबाईल पर मेसेज मिला, ‘‘राठौर साहब, बहुत बहादुर था आपका बेटा, गुस्‍ताख-ए-नबी की एक सजा, सर तन से जुदा….’’ इस प्रकरण की जांच मध्‍य प्रदेश की पुलिस कर रही है ।

देशभक्‍त एवं धर्मप्रेमी हिन्‍दू इस ऑनलाईन याचिका (पेटिशन) द्वारा केंद्र शासन से ये मांग करे !

देशभक्‍त एवं धर्मप्रेमी हिन्‍दुओं से निवेदन है कि, कृपया नीचे दिए गए ‘Send Email’ इस बटन पर क्लिक कर इस मांग को इ-मेल द्वारा गृहमंत्रालय को भेजें ! साथ ही इस इ-मेल की प्रतिलिपि (Copy) हमें [email protected] इस पते पर इ-मेल करें ! 
(Note : ‘Send Email’ यह बटन केवल मोबाईल से क्लिक करने पर ही कार्य करेगा !)
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हम किसी प्रकार की हिंसा का समर्थन नहीं करते अथवा किसी भी प्रकार के भडकाऊ वक्‍तव्‍यों का भी समर्थन नहीं करते । जो भडकाऊ वक्‍तव्‍य दिया गया है, उस पर पुलिस कार्यवाही करेगी । हमारे देश में लोकतंत्र है, उसके अनुसार संबंधित लोगों पर कार्यवाही होगी; परंतु तब भी भडकाऊ वक्‍तव्‍यों का समर्थन करनेवालों के विरुद्ध ‘सर तन से जुदा’ के नाम से खुला अभियान चलाकर हिन्दुओं के गले काटने की ये घटनाएं अत्‍यंत भयावह हैैं । पैगंबर मुहम्मद के कथित अपमान के खिलाफ देश भर में रैलियां और विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। भले ही इस लोकतंत्र में विरोध करना एक संवैधानिक अधिकार है, किंतु प्रदर्शनकारियों को ‘गुस्ताक ए रसूल की एक ही साजा, सर तन से जुदा !’ के नारे लगाने की अनुमति नहीं दी जा सकती। ये देश में आतंक उत्‍पन्‍न कर हिन्दुओं को केवल धमकाया ही नहीं जा रहा है, अपितु उन पर प्राणघातक आक्रमण भी हो रहे हैं ।

इस उपलक्ष्य में हम निम्‍नांकित बातों की ओर आपका ध्‍यान आकर्षित करना चाहते हैं….

1. नुपूर शर्मा के वक्‍तव्‍य के उपरांत उनका समर्थन करनेवाले अनेक हिन्दुओं को जान से मारने की धमकियां मिली हैं और मिल रही है । उनमें से अनेक लोगों की हत्‍याएं भी की गई हैं । भारत के प्रधानमंत्री मा. श्री. नरेंद्र मोदीजी तथा केंद्रीय गृहमंत्री मा. श्री. अमित शहाजी को भी धमकियां दी गई हैं ।

2. इससे पूर्व जिहादियों ने उत्तर प्रदेश के कमलेश तिवारी की भी इसी प्रकार हत्‍या की थी । उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के श्री डासना देवी मंदिर के महंत यती नरसिंहानंद सरस्‍वती महाराज, जितेंद्र सिंह त्‍यागी (पूर्व के वसीम रिजवी) सहित अनेक हिन्‍दू नेताओं को ‘सर तन से जुदा’ की धमकियां दी गई हैं ।

3. इन सभी घटनाओं में पकडे गई सभी आरोपी कट्टर जिहादी मानसिकतावाले हैं, साथ ही ये हत्‍याएं चोरी, डाका अथवा किसी व्‍यक्‍तिगत विवादों के कारण नहीं हुई हैं ।

4. इन घटनाओं की ओर केवल आस्‍था के केंद्रों का अनादर हुआ; इसलिए उसका प्रतिशोध लेने की प्रतिक्रियात्‍मक घटना के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए । यह तो देश में आतंक और असुरक्षा का वातावरण उत्‍पन्‍न करने का प्रयास है । इसके माध्‍यम से देश में कानून-व्‍यवस्‍था को संकट में डालकर गृहयुद्ध छेडने का बडा षड्‍यंत्र रचा जा रहा है ।

5. नुपूर शर्मा प्रकरण के आधार पर संपूर्ण देश में अनेक भडकाऊ वक्‍तव्‍य दिए गए हैं । मुसलमान युवकों को भडकाकर उनका ब्रेनवॉश करनेवाले मुसलमान नेता, मौलवी, धार्मिक नेता तथा मुसलमान संगठन भी इन घटनाओं के लिए उतने ही उत्तरदायी हैं । इसके लिए मस्‍जिदों और मदरसों में क्‍या सिखाया जाता है, इस पर ध्‍यान देने की आवश्‍यकता है ।

हमारी मांगें निम्‍न प्रकार से हैं …

1. ‘सर तन से जुदा’ इस अभियान की जांच कर यह अभियान कौन चला रहा है, उसे कौन आर्थिक सहायता दे रहा है और ऐसे जिहादियों को कौन भडका रहा है; इस षड्‍यंत्र की खोज की जाए ।

2. इस षड्‍यंत्र में संलिप्‍त लोग, प्रशिक्षण देनेवाले, आश्रय देनेवाले, वैचारिक दिशादर्शन करनेवाले मुसलमान नेता, मौलवी, चिश्‍ती, धार्मिक नेता तथा मुसलमान संगठनों पर संगठित आपराधिक कृत्‍य, साथ ही गैरकानूनी कृत्‍य प्रतिबंधक कानून (UAPA) के अंतर्गत अपराध पंजीकृत किए जाएं ।

3. हिन्‍दुओं की इन हत्‍याओं के प्रकरणों में तीव्रगति न्‍यायालयों का गठन कर दोषी लोगों को तत्‍काल फांसी का सजा देनी चाहिए ।

4. इस प्रकार की अनेक हत्‍याओं में, साथ ही अनेक देशविरोधी गतिविधियों में संलिप्‍त ‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ (PFI), ‘सोशल डेमोक्रैटिक पार्टी ऑफ इंडिया’ (SDPI) तथा संलग्‍न इस्‍लामी संगठनों पर तत्‍काल प्रतिबंध लगाया जाए ।

5. हिन्‍दुओं की हत्‍याओं के इन सभी प्रकरणों को राष्‍ट्रीय अन्‍वेषण विभाग (NIA) को सौंपा जाए ।

6. जो कोई भी लोगों का सर कलम करने के लिए कहता है (व्यक्तिगत रूप से या सोशल मीडिया पर ‘सत तन से जुदा’ का नारा देता है) उसपर तुरंत सांप्रदायिक घृणा भडकाने और भारतीय नागरिकों के खिलाफ जिहाद का आह्वान करने का आरोप प्रविष्ट करना चाहिए ।

7. इन सभी घटनाओं को देखते हुए इसके आगे भी अनेक हिन्‍दू नेता जिहादियों की ‘हिट लिस्‍ट’ पर होने की बडी संभावना है । इसलिए ऐसे हिन्‍दू नेताओं की सूची बनाकर उन्‍हें पुलिस सुरक्षा प्रदान की जाए ।

8. देशविरोधी धार्मिक संस्‍थाओं, धार्मिक नेताओं और संगठनों पर दृष्‍टि रखकर उन पर प्रतिबंधात्‍मक कार्यवाही की जाए । देशविघातक कृत्‍यों में संलिप्‍त मदरसों पर कार्यवाही कर उन्‍हें तुरंत बंद किया जाए ।

9. क्‍या इन घटनाओं के पीछे पाकिस्‍तान, बांग्‍लादेश आदि देशों का हाथ है ? और क्‍या यह अंतरराष्‍ट्रीय षड्‍यंत्र है ?, इसकी भी व्‍यापक जांच की जाए, यह आपसे विनम्र निवेदन है ।

महोदय, अब इस विषय में कोई भी नरमी यह दर्शाएगी कि, भीडतंत्र और दबाव की नीति के आगे भारत झुकता है। जो कोई भी इस तरह के कृत्यों को दोहराने का प्रयास करेगा, उसके लिए अब सजा को निवारक के रूप में कार्य करना चाहिए। एक नागरिक के रूप में, हमे शांति से अपना जीवन जीने का अधिकार है, इसलिए हम मांग करते है कि, भारत सरकार हमारे अधिकारों की रक्षा करें और देश को जिहादी आतंकवादियों से मुक्त करे।

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