गुजरात के एक प्राइवेट स्कूल ने किंडरगार्टन के बच्चों को मस्जिद की ट्रिप पर ले जाने की योजना बनाई थी। यह स्कूल वडोदरा के कलाली में है। लेकिन विरोध के कारण दिल्ली पब्लिक स्कूल को यह ट्रिप मंगलवार (2 अगस्त 2022) को रद्द करना पड़ा। बताया जा रहा है कि अभिभावकों की आपत्ति के बाद बजरंग दल के कार्यकर्ता इस ट्रिप के विरोध में आगे आए थे।
इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि इससे पहले बच्चों को एक मंदिर में ले जाया गया था। साथ ही एक अनाम अभिभावक के हवाले से बताया है कि उन्हें मस्जिद की ट्रिप में कुछ भी गलत नहीं लगा। रिपोर्ट में आगे इसे अभिभावक के हवाले से यह भी दावा किया गया है कि अन्य बच्चों के माता-पिता भी इस ट्रिप के लिए राजी थे।
इतना ही नहीं अनाम अभिभावक के हवाले से बजरंग दल कार्यकर्ताओं को ‘उन्मादी’ बताते हुए और दावा किया गया है कि वे बच्चों के मस्जिद नहीं जाने से निराश हैं। इससे पहले वे एक चर्च में गए थे और प्रार्थना के बारे में सीखा था। एक अन्य अनाम माता-पिता ने कथित तौर पर इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि उनकी बेटी मस्जिद जाने के लिए उत्साहित थी। इससे पहले वह कभी मस्जिद नहीं गई थी। यह ध्यान देने योग्य है कि महिलाओं को मस्जिद जाने और वहाँ नमाज पढ़ने की अनुमति नहीं होती है।
ऑपइंडिया से बात करते हुए विश्व हिंदू परिषद के कॉर्डिनेटर केतन त्रिवेदी (Ketan Trivedi) ने कहा कि स्कूल ने 5 अगस्त (शुक्रवार) का दिन मस्जिद ट्रिप के लिए चुना था। ऐसा लगता है कि उनकी मंशा थी कि बच्चे जुमे की नमाज का हिस्सा बनें। उन्होंने कहा, “अगर स्कूल को बच्चों को सच में कुछ दिखाना है, तो वे बच्चों को अस्पताल, सेना के शिविरों में ले जा सकते थे, ताकि उन्हें डॉक्टर, सैनिक बनने की प्रेरणा मिल सके। उन्हें मस्जिद ले जाने की योजना क्यों बनाई गई?”
त्रिवेदी ने आगे कहा कि विहिप ने स्कूल अधिकारियों से कहा कि इस तरह की फील्ड ट्रिप से किसी की भी धार्मिक भावनाएँ आहत हो सकती हैं। यह एजुकेशनल ट्रिप की तुलना में एक स्टंट प्रतीत होता है। उन्होंने कहा, “स्कूल को धर्म पर नहीं, शिक्षा पर ध्यान देना चाहिए। बच्चे देश का भविष्य हैं और उन्हें उस स्थान पर ले जाते हैं, जहाँ उन्हें शिक्षा के साथ प्रेरणा मिल सके। बच्चों को धार्मिक स्थलों पर ले जाकर आप उन्हें धर्म के बारे में सोचने पर मजबूर कर देते हैं, जैसे मुस्लिम क्या करते हैं, ईसाई क्या करते हैं। इसकी जगह उन्हें पुलिस थानों या सैन्य शिविरों में क्यों नहीं ले जाते?”
बता दें कि इस ट्रिप पर अभिभावकों की आपत्ति के बाद बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने स्कूल के बाहर ‘जय श्रीराम’ के नारे लगाए। इस हंगामे के बाद स्कूल ने अगस्त महीने के सभी फील्ड ट्रिप रद्द कर दिए हैं।
संदर्भ : ऑपइंडिया