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श्री गणेशोत्सव यह हिन्दुओं का संगठन करने का प्रभावी माध्यम बनना चाहिए – राजन बुणगे, हिन्दू जनजागृति समिति

गणेशोत्सव के माध्यम से व्यापक धर्मप्रसार का सोलापुर में गणेशोत्सव मंडलों का निर्धार !

बैठक के लिए उपस्थित सार्वजनिक उत्सव मंडलों के विविध पदाधिकारी

सोलापुर – गणेशोत्सव, यहां के हिन्दुओं को संगठित करने का प्रभावी माध्यम बनना चाहिए । गणेशोत्सव के काल में धर्मशिक्षा देनेवाले फलक प्रदर्शन, हिन्दुओं की स्थिति दर्शानेवाले ‘फैक्ट प्रदर्शन’, लव जिहाद, हलाल जिहाद समान विषयों पर प्रवचन का आयोजन, स्वसुरक्षा प्रशिक्षण के प्रात्यक्षिक आदि उपक्रम कर सकते हैं, ऐसा आवाहन हिन्दु जनजागृति समिति के श्री. राजन बुणगे ने किया । हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से ‘सार्वजनिक उत्सव आदर्शरीति से कैसे मनाएं ?’, इस विषय पर ३ अगस्त को सोलापुर के सार्वजनिक उत्सव मंडलों की बैठक ली गई । वे उस अवसर पर बोल रहे थे ।

इस बैठक में शहर के विविध भागों से २५ से भी अधिक सार्वजनिक उत्सव मंडलों के ४५ पदाधिकारी उपस्थित थे । इस बैठक का प्रारंभ श्रीगणेश की आरती से हुआ । हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. विक्रम घोडके ने उपस्थितों को बैठक का उद्देश्य बताया, तो सनातन संस्था की कु. वर्षा जेवळे ने ‘सामाजिक, राष्ट्रीय एवं धार्मिक दृष्टि से उत्सव आदर्श पद्धति से उत्सव मनाने की आवश्यकता’ इस विषय पर मार्गदर्शन किया । इस अवसर पर उत्सव मंडलों के पदाधिकारियों ने मंडल के माध्यम से हो रहे धर्मकार्य एवं समाजकार्य की जानकारी दी ।

सार्वजनिक उत्सव मंडल के पदाधिकारियों का मनोगत

१. श्री. नागेश सरगम (यूनिक टाऊन गणेश मंडल) – गत २ वर्षों में घर-घर सनातननिर्मित ‘श्री गणेश पूजाविधि’, ‘सात्त्विक रंगोली’ ग्रंथ पहुंचाए । इसके साथ ही सभी को योग्य प्रकार से श्री गणेशोत्सव मनाने के लिए उद्युक्त किया ।

२. अधिवक्ता रमाकांत बापट (वीर महागणपति ट्रस्ट) – इस बार के श्री गणेशोत्सव में प्रत्येक श्री गणेशोत्सव मंडल ‘लव जिहाद’ के विषय में समाज में जनजागृति करने के लिए प्रयत्न करे ।

३. श्री. शिवशंकर अंजनाळकर – नीलमनगर भाग के ६९ श्री गणेशोत्सव मंडलों द्वारा ‘डीजे’ बंद कर लेजिम, मंजीरे आदि पारंपरिक वाद्यों की मंगलमय ध्वनि में शोभायात्रा निकाली जाती है । इसके साथ ही मंडल के माध्यम से रक्तदान एवं वृक्षारोपण जैसे सामाजिक उपक्रम किए जाते हैं ।

बैठक में सार्वजनिक उत्सव मंडलों ने किया निर्धार

१. एक माह में एक बार सभी जन एकत्र आकर राष्ट्र एवं धर्म कार्य की दिशा निश्चित करेंगे ।
२. इस बार के श्री गणेशोत्सव में ‘डीजे’ के स्थान पर पारंपरिक वाद्यों के घोष में शोभायात्रा निकालेंगे ।
३. फलक प्रदर्शन एवं प्रवचन के माध्यम से व्यापक धर्मजागृति करने का प्रयत्न करेंगे ।

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