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झारखंड, बिहार, बंगाल आदि राज्यों में विद्यालयों का हो रहा इस्लामीकरण

झारखंड, बंगाल, बिहार आदि अनेक राज्यों में मुसलमानों की जनसंख्या बढी है । उसके कारण अनेक स्थानों पर ‘सेक्युलर’ व्यवस्था के अनुसार चलनेवाला कामकाज बंद कर इस्लामी पद्धति से कामकाज चलाया जा रहा है । इसका स्थानीय हिन्दू और अन्य धर्मीय छात्रों पर विपरीत परिणाम हो रहा है । इससे उनके धार्मिक अधिकार और सुरक्षितता संकट में पड गई है । हाल ही में झारखंड राज्य के एक विद्यालय में मुसलमान छात्रों की संख्या 70 प्रतिशत से अधिक होने के कारण वहां हिन्दू छात्रों पर हाथ जोडकर प्रार्थना करने पर प्रतिबंध लगाए जाने का समाचार संपूर्ण देश में फैला था । उसके उपरांत प्रत्यक्ष परीक्षण में ऐसा दिखाई दिया कि केवल प्रार्थना ही नहीं, अपितु झारखंड के अनेक विद्यालयों में सरकारी निर्णय के अनुसार रविवार के दिन छुट्टी देना आवश्यक होते हुए भी केवल मुसलमान छात्रों की संख्या अधिक है; इसलिए वहां शुक्रवार के दिन छुट्टी दी जाती है । साथ ही वहां हिन्दी के स्थान पर उर्दू का उपयोग किया जा रहा है । यह बहुत ही गंभीर विषय है ।

इसे देखते हुए कुछ गंभीर सूत्र सामने आते है…

1. झारखंड के ‘पांचजन्य’ के पत्रकार श्री. रितेश कश्यप ने एक कार्यक्रम में बताया है कि झारखंड राज्य में राजधानी रांचीसहित दुमका, जामताडा, गढवा, पलामू, पाकूर, बोकारो आदि जिलों में सरकारी विद्यालयों को रविवार के स्थान पर शुक्रवार के दिन छुट्टी दी जाती है । वहां हिन्दी के स्थान पर उर्दू भाषा को प्रधानता दी जाती है । सरकारी आदेश के बिना केवल संख्याबल के आधार पर मुसलमानों की ओर से सैकडों विद्यालयों में विगत 10 से 25 वर्षाें से ऐसा करवाया जा रहा है । झारखंड राज्यसहित बिहार और बंगाल राज्यों के भी अनेक विद्यालयों में ऐसा चल रहा है ।

2. झारखंड राज्य के भाजपा सांसद श्री. निशिकांत दुबे ने लोकसभा में यह दावा किया है कि लगभग 1800 विद्यालयों में रविवार के स्थान पर शुक्रवार को छुट्टी देकर देश का इस्लामीकरण किया जा रहा है । इन विद्यालयों में अपने नामों में हिन्दी के स्थान पर उर्दू शब्दों का उपयोग करना आरंभ किया है, साथ ही बांग्लादेश के निकट होने से वहां से आए घुसपैठियों के कारण यहां मुसलमानों की जनसंख्या अनेक गुना बढ गई है । यहां की स्थानीय जनसंख्या का संतुलन संपूर्ण रूप से बिगड गया है । स्थानीय समाचार वाहिनियों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार बाहर से घुसपैठ कर आए मुसलमानों की दहशत के कारण स्थानीय हिन्दू अपनी भूमि बेचकर यहां से पलायन कर रहे हैं । बांग्लादेशी घुसपैठियों के कारण यहां अनेक गैरकानूनी और आपराधिक घटनाएं बढी हैं । इन घुसपैठियों को गैरकानूनी पद्धति से आधारकार्ड और राशनकार्ड दिए जा रहे हैं । साथही स्थानीय आदिवासी संस्कृति नष्ट की जा रही है ।

3. पिछले अनेक वर्षाें से धार्मिक आधार पर अवैध रूप से रविवार के स्थान पर शुक्रवार के दिन विद्यालयों को छुट्टी दी जा रही हो, तो वहां का राज्यशासन निश्चित रूप से क्या कर रहा है ?, यह प्रश्न केंद्र शासन को उनसे पूछना चाहिए । भारत एक ‘सेक्युलर’ देश होते हुए भी उनका कामकाज ‘इस्लामी व्यवस्था’ के अनुसार कैसे चल सकता है ? यह तो एक प्रकार से भारत की ‘सेक्युलर’ संकल्पना को साख पर बिठाने जैसा है, ऐसा कहना पडेगा । इन घटनाओं के कारण देश की राष्ट्रीय एकता संकट में है ।

4. सरकारी विद्यालयों को शुक्रवार के दिन छुट्टी देने के लिए यह मुसलमानों द्वारा चलाये जानेवाले मदरसे अथवा मस्जिदें नहीं हैं, अपितु सेक्युलर सरकार द्वारा नियंत्रित विद्यालय हैं, इसे सर्वप्रथम ध्यान में लेना चाहिए ।

5. ‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ सहित अनेक कट्टरतावादी जिहादी संगठनों ने मार्च 2022 में कर्नाटक राज्य के विद्यालयों-महाविद्यालयों में मुसलमान लडकियों को हिजाब पहनने की अनुमति देने का आग्रह किया था । उन्होंने अनेक राज्यों में वहां के शासन के विरुद्ध विद्रोह करनेवाले ‘पहले हिजाब-फिर किताब’, आंदोलन चलाए थे; परंतु कर्नाटक उच्च न्यायालय ने विद्यालयों-महाविद्यालयों में मुसलमान लडकियों पर हिजाब पहनकर आने पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है । सरकार को सभी विषयों के संदर्भ में उसका पालन करने की आवश्यकता है ।

6. कुछ स्थानों पर केवल मुसलमानों की संख्या अधिक होने के कारण वहां शुक्रवार के दिन छुट्टी मांगी जाती हो, तो संपूर्ण देश में हिन्दुओं की जनसंख्या 78 प्रतिशत से अधिक है, तो क्या शासन हिन्दुओं को उनके धर्म के अनुसार उपासना करने के लिए गुरुवार अथवा अन्य दिवस पर सरकारी छुट्टी देगा ? कल किसी अन्य राज्य में अन्य पंथियों की (उदा. पंजाब में सिखों की) संख्या अधिक हो, तो क्या शासन वहां उनकी धार्मिक मान्यता के अनुसार छुट्टी देगा ?

7. हिन्दू छात्रों की रविवार की आधिकारिक छुट्टी, साथ ही उन्हें हाथ जोडकर प्रार्थना करने का भारतीय संविधान द्वारा प्रदान किया गया धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार छीन लेने का अधिकार मुसलमानों को किसने दिया ? क्या यह इस्लामी देश है ? संविधान द्वारा हिन्दुओं को प्रदान किए गए मूलभूत अधिकारों का हनन करना संविधानविरोधी है ।

इस्लामीकरण रोकने के लिए हमारी मांगे

1. सरकारी आदेश को साख पर बिठाकर रविवार के स्थान पर शुक्रवार के दिन छुट्टी देनेवाले झारखंड, बंगाल, बिहार आदि राज्यों में केंद्रीय जांच दल भेजकर व्यापक जांच की जाए ।

2. इसमें दोषी प्रशासनिक अधिकारियों और कर्मचारियों को निलंबित किया जाए और उनका वेतन-भत्ता आदि रोके जाए । साथ ही इस में मुसलमान मौलवी, धार्मिक नेता अथवा संगठन के नेता उत्तरदायी पाए जाते हों, तो सरकारी काम में बाधा डालने के प्रकरण में उन पर आपराधिक कार्यवाही की जाए ।

3. हिन्दू छात्रों के हाथ जोडकर प्रार्थना करने पर रोक लगानेवालों पर कानूनी कार्यवाही की जाए ।

4. विद्यालय के सभी व्यवहार ‘सेक्युलर’ पद्धति के अनुसार करने के कठोर आदेश दिए जाएं ।

5. झारखंड राज्य में विगत अनेक वर्षाें से हो रही बांग्लादेशी मुसलमानों की घुसपैठ के कारण वहां स्थानीय लोगों की सुरक्षितता और धार्मिक अधिकार संकट में हैं । वहां गैरकानूनी कृत्य और अपराधीकरण बढ गया है । इससे झारखंड का अस्तित्व संकट में आया है । इस प्रकरण में राष्ट्रीय अन्वेषण विभाग से (NIA) व्यापक जांच की जाए ।

6. झारखंड राज्य में घुसे घुसपैठियों का सर्वेक्षण कर उन्हें देश से बाहर निकालने के लिए ‘राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर’ (NRC) तत्काल लागू किया जाए, यह आपसे विनम्र अनुरोध है !

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