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दुर्गुण एवं अहंकार दूर कर सद्गुणों का संवर्धन करना, ही मनशांति का उपाय है – सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळे, राष्ट्रीय मार्गदर्शक, हिन्दू जनजागृति समिति

सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळे को पौधा देकर सम्मान करते हुए डॉ. अशोक राय

भोपाल (मध्यप्रदेश) – घास उगाने के लिए कोई कष्ट नहीं उठाने पडते; परंतु बाग विकसित करने के लिए परिश्रम एवं नियोजन, दोनों आवश्यक होता है । उसीप्रकार जीवन में तनाव दूर कर शांति प्राप्त करने के लिए गुणसंवर्धन से दोष एवं अहंकार की घास उखाड फेंकनी चाहिए । भौतिक शिक्षा देते समय विद्यार्थियों में गुणसंवर्धन का प्रयत्न करने से उनका तनाव दूर होकर निश्चितरूप से उनमें एक आदर्श व्यक्तिमत्त्व का विकास होगा, ऐसा प्रतिपादन हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळे ने किया ।

हिन्दू जनजागृति समिति की ‘आरोग्य सहायता समिति’के अंतर्गत ‘तनाव प्रबंधन’ विषय पर सद्गुरु डॉ. पिंगळे ने ‘लक्ष्मीनारायण कॉलेज ऑफ टेक्नॉलॉजी’ इस महाविद्यालय के प्राध्यापकों का मार्गदर्शन किया । मार्गदर्शन के प्रारंभ में महाविद्यालय के व्यवस्थापकीय संचालक डॉ. अशोक राय ने सद्गुरु डॉ. पिंगळे को पौधा एवं श्री. अमितबोध उपाध्याय ने स्मृतिचिन्ह देकर सम्मानित किया । इस मार्गदर्शन का लाभ अनेक प्राध्यापकों ने लिया ।

सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळे आगे बोले,

१. वर्तमान में बढता तनाव, चिंता का विषय बन गया है । राष्ट्रीय अपराध अभिलेख (रिकॉर्ड) ब्यूरो के सर्वेक्षणानुसार भारत में प्रति घंटा १ युवक आत्महत्या करता है । युवकों की आत्महत्या की घटनाओं में इंदौर में ४ प्रतिशत एवं भोपाल में १४ प्रतिशत वृद्धि हुई है ।

२. प्रेमविवाह, मानसिक दुर्बलता, परीक्षा में असफलता आदि कारणों से हो रही इन आत्महत्याओं को रोकने के लिए आगे आना अपना ही उत्तरदायित्व है । क्षमता का विचार न करते हुए बच्चों से अवास्तव अपेक्षा रखना, यह आज के तनाव का एक कारण है ।

३. किसी भी कारणवश तनाव निर्माण हो, परंतु उसके मूल तक जाने पर यह ध्यान में आता है कि तनाव के लिए परिस्थिति की तुलना में अपने दुर्गुण एवं अहंकार अधिक उत्तरदायी हैं ।

४. हम यदि दुर्गुण दूर करने के लिए गुणों का संवर्धन करें और अहंकार का त्याग कर अपनी चूकें स्वीकार लें, तो हम निश्चितरूप से तनावमुक्त हो सकते हैं । यह करने के लिए हमें आवश्यक उर्जा ईश्वर के स्मरण से प्राप्त होगी ।

अभिप्राय :

१. श्री. अभिनव भार्गव : आज के मार्गदर्शन के अनुसार प्रत्यक्ष आचरण करने पर, अच्छे परिणाम मिलेंगे ।

२. डॉ. भूपेंद्र त्रिपाठी : अपने कार्यक्षेत्र का तनाव कैसे दूर करें ? भौतिक युग में सतत आनेवाले तनाव कैसे दूर करें ? आदि विषयों के संदर्भ में सखोल जानकारी मिली ।

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