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‘महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल’ का हिन्दुओं के त्योहारों के साथ पक्षपात !

हिन्दू त्योहारों के समय ध्वनिप्रदूषण करने से 230 अभियोग प्रविष्ट तथा वर्षभर मस्जिदों पर बजनेवाले भोपुओं पर केवल 22 अभियोग !

केवल हिन्दुओं के विविध त्योहारों के समय कितना ध्वनि प्रदूषण होता है, इसके अनेक रिपोर्ट प्रदूषण मंडल प्रतिवर्ष प्रकाशित करता है; परंतु वर्ष के 365 दिन मस्जिदों से भोंपुओं द्वारा तथा मुसलमानों के अन्य त्योहारों के समय होनेवाले प्रदूषण के संबंध में एक भी रिपोर्ट प्रकाशित नहीं किया जाता । यह सरकार द्वारा हिन्दुओं पर किया जानेवाला धार्मिक पक्षपात ही है । ‘सेक्युलर’ सरकार के इस धार्मिक पक्षपात तथा महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल की कार्यवाही की हिन्दू जनजागृति समिति तीव्र शब्दों में निंदा करती है । वर्ष 2015 से 2021 तक 7 वर्षों की अवधि में ध्वनिप्रदूषण के संबंध में ‘महाराष्ट्र राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल’ ने हिन्दुओं की दहीहंडी, गणेशोत्सव और नवरात्रोत्सव मंडलों पर 230 अभियोग प्रविष्ट किए हैं तथा मुसलमानों पर केवल 22 अभियोग प्रविष्ट किए हैं, ऐसा सूचना के अधिकारों के अंतर्गत उजागर हुआ है । इस प्रकार पक्षपाती कार्यवाही कर केवल हिन्दुओं को बदनाम करनेवाले ‘महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल’ के संबंधित सर्व अधिकारियों को निलंबित किया जाए, ऐसी मांग हिन्दू जनजागृति समिति ने की ।

गत 7 वर्षाें में महाराष्ट्र के ध्वनिप्रदूषण के संबंध में कुल 252 अभियोग प्रविष्ट हुए हैं, इसकी जानकारी हमें सूचना के अधिकारों के अंतर्गत मिली । इनमें से 230 अभियोग गणेशोत्सव, नवरात्रोत्सव, दहीहंडी उत्सव मनानेवाले मंडल, संगठन अथवा कार्यकर्ताओं पर ही प्रविष्ट किए हुए दिखाई देते हैं । मूलतः दिन में पांच बार मस्जिदों पर लगे भोंपुओं के कारण होनेवाले ध्वनिप्रदूषण के संबंध में महाराष्ट्र सहित देशभर के नागरिकों ने जोरदार आवाज उठाई है; परंतु महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने इस ध्वनिप्रदूषण की सुविधाजनक रूप से उपेक्षा की है, यह दिखाई देता है ।

गणेशोत्सव, दीपावली आने पर प्रदूषण नियंत्रण मंडल राज्य के 27 जिलों में  290 स्थानों पर ‘ध्वनिमापन उपकरण’ लेकर ध्वनिप्रदूषण की गणना करता है तथा वायु और जल प्रदूषण की भी गणना करता है । राज्यभर में दीपावली की अवधि में ध्वनि एवं वायु का निरीक्षण प्रति घंटे अंकित किया जाता है । प्रतिवर्ष इसका अभ्यासपूर्ण रिपोर्ट बनाकर मंडल के वेबसाईट पर रखा जाता है । वर्ष 2015 से ऐसे रिपोर्ट उपलब्ध हैं; सरकार यदि ‘सेक्युलर’ है, तो वर्षभर प्रतिदिन मस्जिदों पर लगे भोंपुओं द्वारा होनेवाले ध्वनिप्रदूषण का मंडल सर्वेक्षण क्यों नहीं करता ? बकरी ईद के दिन पशु-हत्या से होनेवाले जल प्रदूषण के अवलोकन क्यों नहीं किया जाता ? उसके रिपोर्ट क्यों नहीं बनाए जाते । कुछ समय पूर्व राज ठाकरे ने मस्जिदों पर लगे भोंपुओं के विरोध में भूमिका लेने पर मुंबई में लगभग 843 से अधिक मस्जिदों पर लगे भोंपुओं को अनुमति देने की जानकारी है । अर्थात इससे पूर्व ये भोंपू अवैध थे, तो प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने उनपर कोई भी कार्यवाही क्यों नहीं की ? ऐसा धार्मिक पक्षपात करनेवाले अधिकारियों को तत्काल निलंबित किया जाए और इस प्रकरण का अन्वेषण किया जाए, ऐसी मांग हिन्दू जनजागृति समिति सरकार से कर रहे हैं।

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