अरुणाचल प्रदेश में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शहा के हाथों से कुछ समय पूर्व ही परशुराम कुंड के स्थान पर भगवान परशुराम की मूर्ति का उद्घाटन किया गया तथा अरुणाचल प्रदेश में पहली बार बननेवाले हवाई अड्डे को अरुणाचल प्रदेश सरकार ने स्थानीय नाम देने का प्रस्ताव केंद्र को दिया । इन घटनाओं की पृष्ठभूमि पर स्थानीय पेपरों में शोर किया गया कि ‘अरुणाचल प्रदेश का भगवाकरण हो रहा है ।’ अरुणाचल प्रदेश में ‘परशुराम कुंड’, पुरातन संस्कृति, परंपरा, धार्मिक स्थल आदि क्या भाजपा लेकर आई है ?
अरुणाचल प्रदेश में एक बार ईसाई धर्म न स्वीकारने के कारण महिला को जीवित जलाने की घटना घटी है तथा एक मंत्री ने ईसाइयों के एक बडे उपक्रम का उद्घाटन किया है । उस समय अरुणाचल प्रदेश के समाचार पत्रों में ‘विदेशी बस्तियों का अरुणाचल में प्रचार’ क्यों नहीं छापा गया ? अरुणाचल प्रदेश के कुछ समाचार पत्र ईसाई मिशनरी और कुछ राजनीतिक दलों के मुखपत्र बन गए हैं । हिन्दू संस्कृति नष्ट करने का उनका षड्यंत्र है । उसी प्रकार ईसाई मिशनरियों द्वारा धर्मांतरण के प्रयास भी बडी मात्रा में हो रहे हैं, उन्हें निष्फल करना चाहिए, ऐसा प्रतिपादन अरुणाचल प्रदेश सरकार के बालसंसाधन और विकास संस्था के उपाध्यक्ष श्री. कुरु थाई ने किया ।
हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा आयोजित ‘अरुणाचल प्रदेश’ में हिन्दुओं का संघर्ष’ इस विषय पर विशेष संवाद में वे बोल रहे थे । इस समय हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. सतिश कोचरेकर ने उनसे संवाद किया ।
श्री. कुरु थाई ने आगे कहा कि, अरुणाचल प्रदेश हिन्दुओं की तपस्या भूमि है और वहां हिन्दू बहुसंख्यक हैं । अरुणाचल में हिन्दू बहुसंख्यक होते हुए भी हिन्दू विरोधी कुप्रचार किया जाता है । अरुणाचल प्रदेश में 40 विविध अनुसूचित जनजाति के लोग रहते हैं । ये लोग सूर्य, चंद्र, नदी, पर्वत, वृक्ष आदि की पूजा करते हैं । ये जनजातियां हिन्दू होते हुए भी उन्हें हिन्दू धर्म से तोडने का प्रयास किया जा रहा है । अरुणाचल प्रदेश सरकार ने संस्कृति संजोने और धर्मांतरण रोकने के लिए ‘दि अरुणाचल प्रदेश फ्रीडम ऑफ रिलीजन एक्ट, 1978’ कानून बनाया । यह कानून अभी भी लागू नहीं हुआ है और उसे लागू करने की हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों की मांग है । विदेश से अनगिनत धन आना और सरकार का उस पर नियंत्रण न होना, जातिवाद, अशिक्षा आदि कारणों से हिन्दुओं का धर्मांतरण किया जा रहा है । चर्च मिशनरी आभास करवाते हैं कि वे गरीबों के प्रति सहानुभूति रखते हैं; परंतु गरीबों के घरों की दुर्दशा हो गई है तथा यहां आलीशान चर्च बन रहे हैं । ईसाई मिशनरियां प्रचार करने से पूर्व संबंधित क्षेत्र के प्रमुख, गरीब, संकट से ग्रस्त आदि को खोजकर उन्हें सहायता करती हैं, नौकरी का प्रलोभन देकर, बुद्धिभेद कर उनका धर्मांतरण करती हैं ।