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‘सेक्युलर’ देश में हिन्दुओं के उत्सवों के लिए मुसलमानों की अनुमति की आवश्यकता क्या है ? – गायत्री एन, संस्थापिका, भारत वाॅईस

हिन्दू जनजागृति समिति का ‘विशेष संवाद !’

मुसलमानों के धार्मिक कार्यक्रमों के समय सरकारी और सार्वजनिक स्थान रोककर प्रशासन को आवागमन का मार्ग बंद करने हेतु बाध्य किया जाता है । ऐसा होते हुए कोईम्बतूर में गणेशोत्सव के लिए मुसलमानों की अनुमति क्यों लेनी पडती है । यह तो सीधा भारतीय लोकतंत्र और हिन्दुओं की धार्मिक स्वतंत्रता पर किया गया आक्रमण है । ऐसा ही चलता रहा, तो भारत शीघ्र ही ‘दार-उल-इस्लाम’ बन जाएगा । भारत ‘सेक्युलर’ देश है, तब हिन्दुओं के उत्सव मनाते समय मुसलमानों की अनुमति की आवश्यकता ही क्या है ? मुसलमान और ईसाई उनके उत्सवों के लिए क्या कभी हिन्दुओं की अनुमति लेते हैं ? ऐसा स्पष्ट प्रश्न  ‘भारत वाईस’ की संस्थापिका गायत्री एन. ने किया है । वे हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा आयोजित ‘गणेशोत्सव : मुसलमान समाज की अनुमति क्यों ?’ इस विषय पर ‘ऑनलाइन’ संवाद में बोल रही थीं ।

इस समय ‘श्रीराम सेना’ के कर्नाटक के कार्यदर्शी श्री. गंगाधर कुलकर्णी ने कहा कि, हिन्दुओं की भूमि होते हुए उस पर हिन्दुओं को गणेशोत्सव मनाने के लिए हुब्बली में मुसलमानों द्वारा तीव्र विरोध किया जा रहा है । बेंगलुरू में भी यही हो रहा है । हुब्बली के मैदान पर राष्ट्रध्वज फहराने में भी मुसलमानों का तीव्र विरोध है । कुछ वर्ष पूर्व वहां राष्ट्रध्वज फहराने के विवाद में हुई गोलीबारी में 6 जनों की मृत्यु हो गई थी । वर्ष में केवल दो बार नमाजपठन के लिए हिन्दू मठ द्वारा अनुमति दी गई है । ऐसा होते हुए भी हुबली का स्थान ही हडपने का यह ‘लैंड जिहाद’ है । हिन्दुओें के स्थान पर हिन्दुओं के उत्सव का विरोध करनेवालों ने ‘गंगा-जमुनी तहजीब’ (संस्कृति) बताना निरर्थक है । हिन्दुओं को अब स्वयं के धर्म पर होनेवाले अन्याय के विरोध में जागृत होने की आवश्यकता है ।

इस समय कर्नाटक की अधिवक्ता शुभा नाईक ने कहा कि, किसी स्थान पर केवल मुसलमानों की संख्या अधिक है, इसलिए हिन्दुओं को गणेशोत्सव मनाने की अनुमति नहीं मिलती । कुल मिलाकर देश में हिन्दुओं की स्थिति खराब हो गई है । ऐसा ही चलता रहा, तो कल उस स्थान पर जाने के लिए भी मुसलमानों की अनुमति लेनी पडेगी ।

हिन्दू जनजागृति समिति के कर्नाटक राज्य प्रवक्ता श्री. मोहन गौडा ने कहा कि, देशभर में श्रीरामनवमी, हिन्दू नववर्ष यात्रा, नवरात्रि आदि त्योहार-उत्सवों के समय धर्मांधों द्वारा पथराव, आगजनी की गई । इसमें हिन्दुओं की हत्या भी हुई । ऐसा ही चलता रहा, तो कश्मीर में जो हुआ, वही देशभर में होगा । वर्ष में दो बार नमाजपठन किया जाता है, इसलिए कर्नाटक का हुब्बली मैदान हिन्दुओं को गणेशोत्सव मनाने के लिए नहीं दिया जाता । उस पर मुसलमान और वक्फ मंडल दावा कर रहा है । कल सडक पर नमाजपठन किया है, यह कहकर वह सडक भी वक्फ की संपत्ति है, ऐसा मुसलमान दावा करेंगे । वर्ष 2013 में वक्फ कानून में कांग्रेस की मनमोहन सिंह सरकार द्वारा दिए गए पाशविक अधिकार के कारण देशभर में वक्फ मंडल 6.5 लाख एकड से अधिक भूमि का मालिक बन बैठा है । इस गैरकानूनी कानून के कारण देश ही उनके नियंत्रण में जाने का संकट है । इसलिए केंद्र सरकार को यह कानून निरस्त करना चाहिए ।

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