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हिन्दुत्वनिष्ठों के विरोध के बाद महापालिका ने रोलर मशीन से शुरु किया विसर्जन बंद किया

महापालिका द्वारा ‘यांत्रिक पद्धति से विसर्जन’ करनेवाले यंत्र (रोलर मशीन) हटाने के संदर्भ में हिन्दू जनजागृति समिति एवं समस्त हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों द्वारा प्रशासन का आभार व्यक्त !

कोल्हापुर – कोल्हापुर महापालिका द्वारा घरेलु श्री गणेशमूर्ति विसर्जन करने के लिए यहां की इरानी खदान में ‘यांत्रिक पद्धति से विसर्जन’ (रोलर मशीन) करनेवाला यंत्र बिठाया था । इसी यंत्र पर एक ओर मूर्ति रखी जा रही थी । जो आगे सरकते हुए खदान में विसर्जित होती थी । इसके विरोध में हिन्दू जनजागृति समिति एवं समस्त हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों ने प्रथम पुलिस अधीक्षक को निवेदन दिया । साथ ही पत्रकार परिषद लेकर यह बताया कि ‘श्री गणेशमूर्ति विसर्जन के लिए हिन्दू धर्मशास्त्र में यांत्रिक पद्धति की (कन्वेयर बेल्ट) का कोई आधारभूत शास्त्र नहीं, फिर ऐसी व्यवस्था कर हिन्दुओं की धार्मिक भावनाएं आहत करनेवालों पर कानूनन कार्रवाई की जाए’, ऐसी मांग भी की । । इस संदर्भ में सहयोग की भूमिका निभाते हुए महापालिका प्रशासन ने यह यंत्र हटवा दिया है । इस विषय में महापालिका प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन ने सहयोग की भूमिका अपनाने के विषय में हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. किरण दुसे ने आभार व्यक्त किया है ।


9 सितंबर

‘कन्वेयर बेल्ट’द्वारा श्री गणेशमूर्ति विसर्जन करनेवालों के विरोध में कानूनन कार्रवाई करें !

समस्त हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों की कोल्हापुर में पत्रकार परिषद की मांग

पत्रकार परिषद में बाएं से श्री. बाबासाहेब भोपळे, श्री. संभाजीराव भोकरे (पत्रकारों को संबोधित करते हुए), सर्वश्री किरण दुसे, किशोर घाटगे, अधिवक्ता सुधीर-वंदूरकर-जोशी, श्री. शिवानंद स्वामी एवं श्री. विजयकुमार पाटील

कोल्हापुर – गणेशोत्सव, यह अत्यंत श्रद्धा एवं भक्तिभाव से ओतप्रोत धार्मिक उत्सव है । श्री गणेश का आगमन होता है एवं श्री गणेशमूर्ति की प्राणप्रतिष्ठा कर, श्रद्धालु मनोभाव से धार्मिक पूजा-अर्चा एवं परंपराओं का पालन करते हैं । इसलिए श्री गणेशजी का विसर्जन भी विधिवत् होना अत्यंत आवश्यक है और ऐसा उल्लेख धर्मशास्त्र में भी है । ऐसा होते हुए भी पानी की कोई कमी न होते हुए भी मनमानी कर स्वयं को आधुनिकतावादी दिखाते हुए इस कृति से कोल्हापुर महानगरपालिका हिन्दुओं की धार्मिक भावनाओं को पैरों तले रौंद रही है । इसलिए श्री गणेशमूर्ति विसर्जन के लिए हिन्दू धर्मशास्त्र का कोई भी आधार न होनेवाली ‘यांत्रिक पद्धति’की (‘कन्वेयर बेल्ट’की) व्यवस्था कर हिन्दुओं की धार्मिक भावनाओं को आहत करनेवालों पर कानूनी कार्रवाई की जाए, ऐसी मांग समस्त हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों की ओर से कोल्हापुर में ८ सितंबर को पत्रकार परिषद में की गई ।

इस प्रसंग में विश्व हिन्दू परिषद के कोल्हापुर जिलामंत्री अधिवक्ता सुधीर वंदूरकर-जोशी एवं श्री. विजयकुमार पाटील, शिवसेना के उपजिलाप्रमुख श्री. संभाजीराव भोकरे, इसके साथ ही श्री. किशोर घाटगे, हिन्दू जनजागृति समिति के सर्वश्री किरण दुसे, आदित्य शास्त्री, बाबासाहेब भोपळे, शिवानंद स्वामी आदि उपस्थित थे ।

१. महापालिका को यदि विसर्जन के लिए ही ‘रोलर’का उपयोग करना हो, तो ताबूत विसर्जन अथवा अन्य किसी के विसर्जन के लिए उसका उपयोग करें, हिन्दुओं के आराध्य देवता श्री गणेशमूर्ति के विसर्जन के लिए उसका उपयोग करने पर हमारा विरोध है !

२. महापालिका ने पंचगंगा नदी के तट पर बैरिकेट्स लगाकर प्रतिबंध लगाने के कारण अनेक श्रद्धालुओं की इच्छा होते हुए भी पंचगंगा नदी में विसर्जन नहीं कर पाए । कोल्हापुर जिले के आसपास के कुछ गावों में श्रद्धालुओं ने १०० प्रतिशत श्री गणेशमूर्ति का विसर्जन किया । इसका अर्थ यह है कि श्रद्धालुओं को विसर्जन करने की इच्छा होते हुए भी प्रशासन श्रद्धालुओं पर कुंड का निर्णय नहीं लाद सकती ।

३. दूसरी ओर श्रद्धालुओं से दान स्वरूप ली गई श्री गणेशमूर्तियों को इरानी खदान में फेंकते समय का वीडियो प्रसारित हुआ है । जो कि श्रद्धालुओं की धर्मभावनाओं का यह अनादर है । इस संदर्भ में भाजप के विधायक श्री. नितेश राणे ने भी ट्वीट कर कहा है कि यह पद्धति अयोग्य है । तब तो इस उपलक्ष्य में श्रद्धालुओं द्वारा श्रद्धापूर्वक दानस्वरूप दी गईं एवं कुंड में विसर्जित की गईं मूर्तियों को इरानी खदान में फेंकनेवाले संबंधितों पर कठोर कार्रवाई की जाए एवं इसके आगे शेष दिन गणेशमंडलों को, इसके साथ ही गणेशभक्तों धार्मिक प्रथा-परंपराओं के अनुसार प्राकृतिक जलक्षेत्र में मूर्तिविसर्जन करने के लिए कोई बाधा न लाई जाए, ऐसी मांग भी की गई ।

क्षणिकाएं

१. इस प्रसंग में एक पत्रकार ने सभी के ध्यान में लाकर दिया कि ‘श्री गणेशमूर्ति शास्त्रानुसार कैसी होनी चाहिए ? इसके साथ ही वह चिकनी (शाडू) मिट्टी की होनी चाहिए’, इस हेतु हिन्दू जनजागृति समिति गत २० वर्षाें से सातत्य से प्रबोधन कर रही है ।

२. ‘यांत्रिक पद्धति से किए गए विसर्जन की संपूर्ण देश में प्रशंसा हो रही है । तब भी आप इसका विरोध कर रहे हैं ?’ ऐसा पत्रकारों के पूछने पर श्री. किरण दुसे ने दृढता से कहा, ‘इसप्रकार विसर्जन करने की अनुमति धर्मशास्त्र नहीं देता ।’

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