पुणे – धर्मशिक्षा के अभाव में त्योहार-उत्सवों के पीछे मूल उद्देश्य का ही लोप होता जा रहा है और उसमें गैरप्रकार का प्रवेश हो गया है । धूलिवंदन एवं रंगपंचमी पर रासायनिक रंग लगाकर खडकवासला जलाशय में स्नान के लिए आना, यह इन गैरप्रकारों का ही एक भाग है ! इससे पुणे शहर को पानी की आपूर्ति करनेवाला जलस्रोत प्रदूषित होता है । इसीलिए हिन्दू जनजागृति समिति, खडकवासला में ग्रामस्थ एवं अन्य समविचारी संगठन के संयुक्त विद्यमान में गत २० वर्षों से ‘खडकवासला जलाशय रक्षा’ मुहिम की जा रही है । इस बार यह २१ वीं है । ७ मार्च (धूलिवंदन) एवं १२ मार्च (रंगपंचमी) को प्रबोधन हेतु फलक हाथ में लेकर सवेरे ९ से सायं ७ तक खडकवासला जलाशय के चहुंओर मानवी चेन बनाई जाएगी, ऐसी जानकारी हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. पराग गोखले ने ४ मार्च को पुणे में हुई पत्रकार परिषद में दी ।
इस पत्रकार परिषद को रणरागिणी शाखा की कु. क्रांति पेटकर, ‘जैन सोशल ग्रुप महाराष्ट्र प्रदेश’के उपाध्यक्ष दिलीपभाई मेहता ने भी संबोधित किया ।
महिलाओ, त्योहार-उत्सवों में गैरप्रकार रोकने के लिए सज्ज हों ! – कु. क्रांति पेटकर, रणरागिनी शाखा
रंगपंचमी के उपलक्ष्य में महिलाओं की छेडछाड करना, उनपर गंदे पानी के गुब्बारे मारना इत्यादि गैरप्रकारों का प्रवेश हो गया है । इन सभी को रोकने के लिए रणरागिनी शाखा की ओर से रंगपंचमी के कुछ दिन पूर्व से ही प्रबोधन किया जा रहा है । इसके साथ ही २० वर्षों से प्रतिवर्ष ‘खडकवासला जलाशय रक्षा’ मुहिम में सम्मिलित होती है । इस वर्ष रणरागिनी शाखा में युवतियों सहित वयस्कर महिलाएं भी सहभागी होनेवाली हैं । ‘आप भी इस मुहिम में सहभागी हों’, ऐसा आवाहन रणरागिनी शाखा की कु. क्रांति पेटकर ने सभी महिलाओं से किया ।