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गोवा : ‘फ्रंटीस पीस ऑफ सांकवाल,’ इस धरोहर स्थल पर नियमों का उल्लंघन कर चर्च संगठन की ओर से ‘फेस्त’ का आयोजन

  • संयुक्त सर्वेक्षण विवरण (रिपोर्ट) की जानकारी

  • सरकार के भिन्न भिन्न खाते के सहयोग से धरोहर स्थल पर ‘फेस्त’ का सफल आयोजन

फ्रंटीस पीस ऑफ सांकवाल में एक अनधिकृत क्रॉस निर्माण किया गया है एवं श्री विजयादुर्गादेवी का मंदिर उद्ध्वस्त कर वहां निर्माण किए गए ‘आवर लेडी ऑफ हेल्थ’ चर्च के खंडहर पीछे (पृष्ठभूमि में) दिखाई दे रहे हैं ।

पणजी (गोवा) : ‘फ्रंटीस पीस ऑफ सांकवाल’ नामक धरोहर स्थल पर (पूर्व में वहां श्री विजयादुर्गादेवी का मंदिर था) चर्च संगठन द्वारा ७ से १६ जनवरी २०२४ की समयावधि में ‘फेस्त’ का आयोजन किया था । ‘फेस्त’ के उपलक्ष्य में धरोहर स्थल पर अनधिकृत निर्माणकार्य किए गए । इस पर परिवाद करने पर मुरगाव नियोजन एवं विकास प्राधिकरण तथा पुरातत्व विभाग अधिकारियों ने २७ दिसंबर २०२३ को सवेरे ११ बजे धरोहर का संयुक्त सर्वेक्षण किया । संयुक्त सर्वेक्षण विवरण (रिपोर्ट) द्वारा ‘फेस्त’ के आयोजन के अनुषंग से धरोहर स्थल पर अनेक अनधिकृत निर्माणकार्य हुए हैं, यह सामने आया है । संतोष सिंह राजपूत ने सूचना एवं अधिकार में सर्वेक्षण विवरण मंगाया; जिससे यह जानकारी सामने आई है ।

रोष की बात यह है कि ‘फेस्त’ के पूर्व धरोहर पर उपरोल्लिखित नियमों का उल्लंघन होता था, यह ध्यान में आने पर भी संबंधित लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है । इसके विपरीत ‘फ्रंटीस पीस ऑफ सांकवाल’ स्थल पर सरकार का पुलिस खाता, परिवहन खाता आदि के सहयोग से ७ से १६ जनवरी २०२४ की समयावधि में ‘फेस्त’ का सफल आयोजन किया गया । पुरातत्व विभाग ने इससे पूर्व कहा है, ‘फ्रंटीस पीस ऑफ सांकवाल’ के स्थान पर नियमों के अनुसार ‘फेस्त’ का आयोजन नहीं कर सकते,´ तब भी इस स्थान पर वर्ष २०१८ से अनधिकृत पद्धति से प्रति वर्ष ‘फेस्त’ का आयोजन किया जा रहा है ।
इसी पुरातत्व विभाग ने कुछ वर्ष पूर्व केळशी में प्रचीन श्री शांतादुर्गा मंदिर के स्थान पर भक्तों को पूजा करने में सुविधा हो, इसलिए कार्रवाई कर निर्माण किया हुआ चबूतरा तोड दिया था ।

संयुक्त सर्वेक्षण रिपोर्ट की प्रविष्टियां

१. ‘फ्रंटीस पीस ऑफ सांकवाल’ धरोहर स्थल के समीप ‘क्रेन’ की सहायता से मंडप का निर्माण किया गया था तथा धरोहर स्थल के पास ‘पाईप’ आदि सामग्री का ट्रक खडा था ।
२. धरोहर स्थल से १ मीटर की दूरी पर मंडप के लिए स्तंभ खडे किए गए थे ।
३. धरोहर स्थल के ‘सर्वे प्लान’ में (सर्वेक्षण रचना में) स्थित कुआं अब वहां नहीं है । ‘सर्वे प्लान’ में जिसका अस्तित्व नहीं है, धरोहर स्थल से १५ मीटर की दूरी पर ऐसा निर्माणकार्य भी दिखाई दे रहा है ।
४. धरोहर स्थल पर १ बडा एवं ७ छोटे लोहे के ‘क्रॉस’ निर्मित किए गए हैं ।
५. ऐसा प्रतीत होता है कि पुरातत्व विभाग में प्रविष्ट एक पत्थर अन्यत्र हटाया गया है । यह पत्थर धरोहर स्थल के पीछे रखा गया है ।
६. लोहे का चबूतरा तैयार कर उस स्थान पर २ सहस्र एवं ५ सहस्र लिटर की क्षमता वाली पानी की दो टंकियां रखी गई हैं ।
७. चैपल के पास प्रवेशद्वार का निर्माण किया गया है ।
८. संकुल में सुरक्षा रक्षकों को बैठने के लिए कक्ष का निर्माण किया गया है ।

नियमों के उल्लंघन की प्रविष्टियां

१. पुरातत्व विभाग की अनुमति लिए बिना ही क्रेन की सहायता से मंडप का निर्माण करना
२. धरोहर स्थल से १ मीटर की दूरी पर भूमि खनन कर स्तंभों का निर्माण कर मंडप बनाया जाना
३. धरोहर स्थल के प्रवेश पथ पर लोहे की पाईप पर निर्मित किए गए १८ ध्वज, लोहे के ७ क्रॉस एवं एक बडा लोहे का क्रॉस
४. ‘सर्वे प्लान’ में जिसका अस्तित्व नहीं है, धरोहर स्थल से १५ मीटर की दूरी पर ऐसा निर्माणकार्य भी देखा गया
५. पानी की टंकियां निर्माण करना, सुरक्षारक्षकों के लिए कक्ष की व्यवस्था करना एवं प्रवेशद्वार का निर्माण करना

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