दादर (मुंबई) में हिन्दू राष्ट्र-जागृति आंदोलन में हिन्दुओं द्वारा भारत सरकार को आवाहन !
मुंबई – भारत को बांगलादेश में अपनी सेना घुसाकर बांगलादेश के टुकडे किए जाएं और बांगलादेश का हिन्दूबहुल भाग भारत के साथ जोडा जाए, ऐसा आवाहन वीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक के कार्याध्यक्ष श्री. रणजीत सावरकर ने किया । बांगलादेश के हिन्दुओं पर अत्याचार के विरोध में ११ अगस्त को दादर (पूर्व) रेल्वेस्टेशन के निकट हिन्दू राष्ट्र समन्वय समिति की ओर से किए गए हिन्दू राष्ट्र जागृति आंदोलन में बोलते समय श्री. सावरकर ने उपरोक्त आवाहन किया ।
इस आंदोलन में योग वेदांत समिति, सुयश मित्रमंडळ, सनातन संस्था, मानवसेवा प्रतिष्ठान, हिन्दू जनजागृति समिति, श्री शिवराज्याभिषेक दिनोत्सव सेवा समिति, दुर्गराज रायगढ आदि विविध संगठनों के पदाधिकारी और कार्यकर्ता सम्मिलित हुए थे ।
इस अवसर पर श्री. रणजीत सावरकर बोले, ‘‘वर्ष १९७१ में इंदिरा गांधी ने बांगलादेश की सहायता की थी । तब भी वह कृतघ्न निकला । बंगाली मुसलमान, पंजाबी मुसलमानों की तुलना में क्रूरता में तिलमात्र भी कम नहीं हैं । वर्ष १९४६ में बंगाल में नोआखाली में हुए दंगों के समय बंगाली मुसलमानों ने हिन्दुओं के गांव नष्ट कर महिलाओं पर अत्याचार किया । आज उसकी ही पुनरावृत्ति हो रही है । बांगलादेश के आंदोलन हिन्दूविरोधी हो गए हैं । भारत सामर्थ्यशाली है; परंतु राजनीति के कारण नपुसंक हो गया है । भारत सरकार बांगलादेश के विरोध में तत्परता से कार्रवाही करे ।’’
इस आंदोलन में दादर के व्यापारी श्री. बाबूभाई भवानजी, वीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक की कोषाध्यक्षा श्रीमती मंजिरी मराठे, अधिवक्ता रिम्पल त्रिवेदी, राष्ट्रवादी काँग्रेस के मुंबई प्रधान सचिव श्री. नागेश मडवी भी सम्मिलित हुए थे । मुंबई सहित उपनगर, ठाणे के हिन्दू इस आंदोलन में सम्मिलित हुए थे । हाथ में फलक लेकर बांगलादेश के हिन्दुओं पर अत्याचार के विषय में जागृति की गई ।
हिन्दुओं के नरसंहार के विषय में बांगलादेशी प्रसारमाध्यम मौन ! – महेश वासू, मानवाधिकार कार्यकर्ता
बांगलादेश की स्थिति अत्यंत भयावह है । हिन्दुओं की मृतदेह वृक्ष पर उलटी लटकाई गईं हैं । मंदिर जला दिए गए । हिन्दुओं की मृतदेह जलाशय में फेंक दी गई हैं । इस नरसंहार के विषय में बांगलादेश के प्रसारमाध्यम मौन क्यों हैं ? भारत के हिन्दुओं तक यह अत्याचार पहुंचाना चाहिए ।
बांगलादेश के हिन्दुओं की रक्षा के लिए यदि रास्ते पर नहीं उतरे, तो भारत के हिन्दुओं का भी भविष्य संकट में ! – अभय वर्तक, धर्मप्रचारक, सनातन संस्था
महाराष्ट्र में साढे तीन करोड मुसलमान हैं और इनमें ८५ लाख बांगलादेशी घुसपैठिए हैं । हिन्दू अब भी जागृत नहीं हुए, तो भविष्य में हिन्दुओं के बच्चे, बेटियां-बहनें सुरक्षित नहीं रहेंगीं । भारत में मुसलमान रास्ते पर उतर आए, तो हिन्दुओं के कुटुंब सुरक्षित नहीं रहेंगे । बांगलादेश में आज जो परिस्थिति है, भविष्य में भारत को भी उसका सामना करना होगा । इसलिए बांगलादेश के हिन्दुओं की रक्षा के लिए भारत के हिन्दुओं को रास्ते पर उतरना ही चाहिए । अन्यथा भविष्य में भारत के हिन्दुओं पर यह संकट मंडराएगा । इसलिए हिन्दुओं समय रहते ही संगठित हों ।
भारत सरकार बांगलादेश के हिन्दुओं को तत्काल सुरक्षा प्रदान करेे ! – वैद्य उदय धुरी, समन्वयक, हिन्दू राष्ट्र समन्वय समिति एवं प्रवक्ता, हिन्दू जनजागृति समिति
बांगलादेश के सरकारविरोधी आंदोलन में जिहादी एवं कट्टरतावादी हिन्दुओं को जानबूझकर लक्ष्य बनाकर, उनकी खुले आम हत्या की जा रही है । हिन्दू महिलाओं पर बलात्कार करना, हिन्दुओं के घर और दुकानों पर आक्रमण कर उन्हें लूटना, हिन्दुओं के मंदिरों की तोडफोड करना-आग लगाना, हिन्दुओं को विस्थापित करना आदि अत्याचार किए जा रहे हैं । बांगलादेश में हिन्दुओं का नरसंहार रोकने के लिए भारत सरकार तुरंत आवश्यक कदम उठाए और हिन्दुओं को सुरक्षा प्रदान करें ।