पुणे में स्वतंत्रतादिन के उपलक्ष्य में ‘संकल्प रामबाग विकास महिला मंडल’की ओर से आयोजित व्याख्यान !
पुणे (महाराष्ट्र) – वर्ष १९४७ में भारत को स्वतंत्रता मिलने पर अपने देश को हिन्दू राष्ट्र घोषित न करते हुए ‘निधर्मी राष्ट्र’ घोषित किया गया । हिन्दुओं को धर्म सिखाने के लिए कोई भी योजना नहीं थी । इसलिए हिन्दुओं को धर्मशिक्षा नहीं मिली । इसके परिणामस्वरूप हिन्दुओं में धर्माभिमान शेष नहीं रह गया । इसके साथ ही धर्म पर होनेवाले आघातों के विरोध में संगठित होने की मानसिकता भी नहीं है ।
वर्तमान में अपने देश के सामने विविध प्रकार के संकट हैं, इस पर एक ही उपाय है और वह है रामराज्य अर्थात हिन्दू राष्ट्र, ऐसे स्पष्ट मत हिन्दू जनजागृति समिति की रणरागिणी शाखा की कु. क्रांति पेटकर ने व्यक्त किए ।
१२ अगस्त को बेडेकर गणेश मंदिर के सभागृह में ‘संकल्प रामबाग विकास महिला मंडल’की ओर से व्याख्यान आयोजित किया गया था । इस अवसर पर वे बोल रहे थे । इस अवसर पर उन्होंने ‘राष्ट्र के समक्ष आवाहन और उसपर उपाय’ इस विषय पर मार्गदर्शन किया ।