वैज्ञानिक स्वरूप के कारण भारतीय संस्कृति का पश्चिमी देशों में आकर्षण ! – आनंद जाखोटिया, हिन्दू जनजागृति समिति
भीलवाडा (राजस्थान) – भारतीय संस्कृति वैज्ञानिक है । इसलिए पश्चिमी देशों में भी उसका आकर्षण बढ रहा है । भारत पर राज्य करने के लिए अंग्रेजों ने भारतीयाें को गुरुकुल शिक्षाप्रणाली और भारतीय धर्मग्रंथ से दूर ले गए । अंग्रेजी शिक्षाप्रणाली के प्रभाव के कारण हमने अपने अमूल्य ज्ञान की उपेक्षा की; परंतु आज पश्चिमी देश उस पर शोध कर भारतीय संस्कृति स्वीकार रहे हैं । इसलिए ऋषि-मुनियों द्वारा बताए गए वैज्ञानिक तथ्य समझकर लेना और उन्हें अपने जीवन में उतारना आवश्यक है’, ऐसा हिन्दू जनजागृति समिति के मध्यप्रदेश और राजस्थान समन्वयक श्री. आनंद जाखोटिया ने यहां के ‘हरिसेवा संस्कृत शिक्षक प्रशिक्षण विद्यालय’के विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा । इस अवसर पर व्यासपीठ पर विद्यालय के मुख्याध्यापक कैलाश तिवारी, संस्था के सचिव ईश्वरलाल असनानी एवं ग्रंथालय के अध्यक्ष मोहनलाल शर्मा उपस्थित थे । महामंडलेश्वर स्वामी हंसारामजी महाराज की प्रेरणा और आशीर्वाद से इस कार्यक्रम का आयोजन हुआ । इस अवसर पर १०० से भी अधिक विद्यार्थी और शिक्षक उपस्थित थे । प्राचार्य तिवारी बोले, ‘‘हिन्दू जनजागृति समिति का कार्य वैज्ञानिक है । वर्तमान में इस कार्य की आवश्यकता है ।’’