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९५ प्रतिशत हिन्दुओं वाले गोविंदपुर (बिहार) गांव को खाली करने का वक्फ बोर्ड का आदेश

३० दिन में गांव खाली करने को कहा !

पाटलिपुत्र (बिहार) – राष्ट्रीय जनता दल नेता तेजस्वी यादव द्वारा ‘वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक’ का पुरजोर विरोध करने के बाद बिहार में वक्फ बोर्ड सक्रिय हो गया है । पाटलिपुत्र जिले के फतुहा के गोविंदपुर गांव पर ‘बिहार राज्य सुन्नी वक्फ बोर्ड’ ने दावा किया है । बोर्ड ने ३० दिन के अंदर गांव खाली करने का आदेश जारी किया है । इस गांव में ९५ प्रतिशत लोग हिन्दू हैं तथा वे इस बात से चिंतित हैं ।

यहां के हिन्दुओं का कहना है कि यह भूमि हमारी है तथा वक्फ बोर्ड का दावा पूरी तरह से अयोग्य और निराधार है । जिलाधिकारी के आदेश पर जांच में पता चला है कि जमीन पर ग्रामीणों का पैतृक अधिकार था और वक्फ बोर्ड का दावा त्रुटिपूर्ण था !

जानिए वक्फ कानून की भयावहता !

वक्फ बोर्ड ने असीमित शक्तियों का प्रयोग करते हुए केवल १३ वर्षों में अपनी सीमा में आने वाली भूमि का क्षेत्रफल द्विगुणा कर दिया है। भारतीय वक्फ प्रबंधन प्रणाली के अनुसार , देश के सभी वक्फ बोर्डों के पास कुल ८ लाख ५४ सहस्र ५०९ संपत्तियां हैं। ये संपत्तियां ८ लाख एकड से अधिक भूमि पर फैली हुई हैं।

हिन्दू गांववालों की भूमिका !

बताया जा रहा है कि गोविंदपुर गांव के वक्फ बोर्ड ने अचानक इस भूमि पर अपना दावा कर दिया है । बोर्ड का दावा है कि यह जमीन १९५९ से उसके अधिकार में है, जबकि यहां रहने वाले हिन्दू गांववालों ने वक्फ बोर्ड के दावे को पूरी तरह से अस्वीकार कर दिया है तथा कहा है, ‘हम यहां १९०९ से रह रहे हैं तथा इस भूमि के हमारे नाम के कागज पत्र भी हमारे पास हैं। गांववालों का कहना है कि इस वर्ष भी भूमि विवाद में हाईकोर्ट ने हमारे पक्ष में निर्णय दिया है । इसके पश्चात भी वक्फ बोर्ड इस भूमि पर अपना दावा कर रहा है । वक्फ बोर्ड इस भूमि पर दावे को लेकर कोई कागज प्रविष्ट नहीं कर सका है ।

स्रोत : हिन्दी सनातन प्रभात

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