कोलकाता (बंगाल) – कोलकाता उच्च न्यायालया ने बंगाल की सत्य घटनाओं पर आधारित चलचित्र ‘द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल’ के प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगाने की मांग को अस्वीकार कर दिया है । याचिकाकर्ता राजीव कुमार झा ने दावा करते हुए कहा, ‘इस चलचित्र में राज्य प्रशासन की आलोचना की गई है तथा चलचित्र के कारण धार्मिक सौहार्द बिगड सकता है ।’ इस प्रकरण में ३ सप्ताह के उपरांत आगे की सुनवाई होगी ।
‘Bengal tolerant’: Calcutta HC refuses to interfere in movie ban plea of 'The Diary of West'. pic.twitter.com/LnCFFToCSd
— Pamela Goswami (@pamelagoswami9) August 30, 2024
न्यायालय के पास अनेक गंभीर प्रकरण हैं ! – शिकायतकर्ता को फटकारा
कोलकाता उच्च न्यायालय ने कहा, ‘पुस्तक अथवा चलचित्र पर प्रतिबंध लगाने के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय के कुछ आदेश हैं । यदि आप इच्छुक हो, तो चलचित्र देखें अथवा नहीं । कोई व्यक्ति तुम्हे अनिवार्य नहीं करता है । एक लोकतांत्रिक देश में यह सामान्य बात है । यदि कोई किसी की आलोचना करता हो, तो वह उसका अधिकार है । इस प्रकार के जनहितों के प्रकरणों ने हमारे यहां भीड लगा रखी है । कल ही हमने किसी को इस संदर्भ में चेतावनी दी थी । इसके अतिरिक्त न्यायालय के पास अनेक गंभीर प्रकरण हैं । देश की जनता बहुत ही सहिष्णु है । चलचित्र देखना अथवा नहीं, यह उनके विवेक पर छोड दें ।’
चलचित्र बनाने की अपेक्षा प्रदर्शन हेतु श्रम करने पड रहे हैं ! – निर्देशक सनोज मिश्रा
‘द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल’ के निर्देशक सनोज मिश्रा ने मुंबई में कहा, ‘हमने जितने श्रम लेकर यह चलचित्र का निर्माण किया है, उसकी अपेक्षा अधिक श्रम हमें उसके प्रदर्शन (रिलीज) हेतु करने पड रहे हैं । चलचित्र के अनेक प्रसंग हमें पुनः चित्रित करने पडे । हमने यह चलचित्र ‘केंद्रीय चलचित्र परीनिरीक्षण मंडल (फिल्म सेंसरशिप बोर्ड) के पास बहुत पूर्व ही पुनरावलोकन के लिए भेजा था । उनके द्वारा आने में हमें बहुत प्रतीक्षा करनी पडी ।’
स्रोत : हिंदी सनातन प्रभात