बांग्लादेश के चटगांव शहर के कदम मुबारक क्षेत्र में जुम्मे के दिन यानी शुक्रवार (6 सितंबर) को भगवान गणेश की मूर्ति ले जा रहे हिंदू श्रद्धालुओं पर कट्टरपंथियों ने हमला कर दिया। यह घटना गणेश चतुर्थी समारोह के आयोजन से एक दिन पहले हुई। रिपोर्ट के अनुसार, ‘बतरगली धवपरा सर्वजनिन पूजा समिति’ के सदस्य कारीगर उत्तम पाल की फैक्ट्री से एक वैन में हिंदू देवता की मूर्ति ला रहे थे।
भगवान गणेश की मूर्ति ले जा रहे हिंदू जैसे ही मोमिन रोड पर पहुँचे, वहाँ एक ऊँची इमारत पर से भगवान गणेश की मूर्ति और हिंदू श्रद्धालुओं पर गर्म पानी फेंक दिया गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हिंदुओं पर ईंट और पत्थर आदि भी फेंके गए। यह इमारत कदम मुबारक मस्जिद के करीब स्थित है। हिंदू श्रद्धालुओं पर यह हमला जानबूझकर किया गया था।
अलर्ट⚠️
बांग्लादेश चटगाँव के सभी हिंदुओं को इस समय सावधान रहने का आदेश दिया गया है, और महिलाओं को घर से बाहर न निकलने का आदेश दिया गया है. एक मस्जिद के अंदर दो हिंदू लड़कों की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई है।
कट्टरपंथियों ने गणेश प्रतिमा पर हमला करने पर हिंदुओं ने विरोध किया तो… pic.twitter.com/8doHfW2mSW
— हम लोग We The People 🇮🇳 (@ajaychauhan41) September 7, 2024
भगवान गणेश की मूर्ति ले जा रहे हिंदू जैसे ही मोमिन रोड पर पहुँचे, वहाँ एक ऊँची इमारत पर से भगवान गणेश की मूर्ति और हिंदू श्रद्धालुओं पर गर्म पानी फेंक दिया गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हिंदुओं पर ईंट और पत्थर आदि भी फेंके गए। यह इमारत कदम मुबारक मस्जिद के करीब स्थित है। हिंदू श्रद्धालुओं पर यह हमला जानबूझकर किया गया था।
इस हमले की जानकारी मिलते ही सैकड़ों हिंदू चटगाँव के मोमिन रोड और जमाल खान वार्ड में एकत्र हो गए और विरोध प्रदर्शन किया। इसके तुरंत बाद किसी भी अप्रिय स्थिति को रोकने के लिए कदम मुबारक क्षेत्र में पुलिस और सशस्त्र बलों की एक बड़ी टीम तैनात कर दी गई। इसके बाद सुरक्षाकर्मियों ने जिस इमारत से हमला किया गया था, उसके हर कमरे की तलाशी ली।
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले लगातार जारी
बतरगली धवपरा सर्वजनिन पूजा समिति’ के सदस्यों ने लक्षित हमले और हिंदू समुदाय की धार्मिक भावनाओं को आहत करने पर निराशा व्यक्त की है। वहाँ सत्ता परिवर्तन होने के बाद कट्टरपंथी मुस्लिम अल्पसंख्यक हिंदुओं पर लगातार हमले कर रहे हैं। हाल में वहाँ के मुस्लिम छात्रों ने 60 से अधिक हिंदू शिक्षकों, प्रोफेसरों और सरकारी अधिकारियों को इस्तीफा देने के लिए मजबूर कर दिया था।
स्रोत: : ऑप इंडिया