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सरकारी विद्यालय में आध्यात्मिक प्रबोधन कक्षा आयोजित करने से प्रधानाध्यापक का स्थानांतरण

  • द्रमुक के सत्ता में रहते तमिलनाडु राज्य की घटना

  • इस्लामी संगठनों ने की थी सरकार से शिकायत !

मदरसों में मुसलमान विद्यार्थियों को क्या पढाया जाता है, इसकी जानकारी द्रमुक सरकार लेती है क्या ? हिन्दू संगठन ऐसी शिक्षा की ओर ध्यान देकर इसकी जानकारी सरकार को देंगे क्या ? – सम्पादक, हिन्दुजागृति

चेन्नई (तमिलनाडु) – यहां अशोक नगर लडकियों का विद्यालय इस सरकारी विद्यालय में आध्यात्मिक प्रबोधन की कक्षा का आयोजन करने पर राज्य की द्रमुक सरकार ने प्रधानाध्यापक का स्थानांतरण किया है । साथ ही इस कक्षा में व्याख्यान देने वाले वक्ता महाविष्णु को तमिलनाडु पुलिस ने चेन्नई हवाईअड्डे पर बंदी बनाया ।

१. इस विद्यालय में ‘परमपोरूल फाउंडेशन’ इस स्वयंसेवी संस्था के वक्ता महाविष्णु ने धर्म, पुण्य, पाप और मंदिर इस पर व्याख्यान दिए थे । उन्होंने कहा था कि हमारे पूर्व के कर्मों का फल हमें इस जन्म में मिलता है । गुरुकुल व्यवस्था ऐसी थी जिसने मूलत: वर्ण और लिंग के आधार पर शिक्षा को अनुमति दी; लेकिन अंग्रेजों ने इसे समाप्त किया । ऐसे कुछ श्लोक हैं जो अग्नि का वर्षा करते हैं, रोग ठीक करते हैं । यह सभी हमारे पूर्वजों ने शास्त्र के रूप में लिखा था; लेकिन अंग्रेजों ने इसे नष्ट कर दिया ।

२. महाविष्णु के व्याख्यान का वीडियो सामाजिक माध्यमों पर प्रसारित होने पर डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (डी.वाई. एफ.आई.) और स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (एस.एफ.आई.) इन कट्टरवादी पार्टियों के कार्यकर्ताओं ने विरोध किया । साथ ही इस व्याख्यान की जानकारी सरकार तक पहुंचाई । इसके उपरांत शिक्षामंत्रालय ने प्रधानाध्यापक का स्थानांतरण किया । (कट्टरवादी राजनीतिक पार्टियों की ताल पर नाचने वाली द्रमुक सरकार ! – संपादक)

३. इस प्रकरण की जानकारी मिलने पर शिक्षामंत्री अनबिल महेश विद्यालय पहुंचे । उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम की अनुमति किसने दी, इसकी जांच की जाएगी । इसके लिए समिति स्थापित की गई है । ब्योरे के आधार पर २ दिनों में कार्यवाही की जाएगी ।

‘शिक्षा व्यवस्था में केवल विज्ञान की आवश्यकता ! – मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन

मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने कहा कि, हमारे विद्यालय की पुस्तकों में वैज्ञानिक विषय हैं । विद्यार्थियों को इसे पढना चाहिए और जानना चाहिए । हमारी शिक्षा व्यवस्था में केवल विज्ञान की आवश्यकता है । इसी से विद्यार्थियों का विकास होगा । नई संकल्पना लेकर शिक्षक भी विद्यार्थियों की प्रगति में सहायता कर सकते हैं । राज्य के सभी विद्यालयों में होने वाले कार्यक्रमों के लिए मैंने नए नियम प्रसारित किए हैं । हमारे विद्यालय के बच्चे तमिलनाडु का भविष्य हैं ।

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