लव और लैंड जिहाद पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री धामी की कार्यवाही
उत्तराखंड के विभिन्न इलाकों में डेमोग्राफिक बदलाव की खबरों के बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार ने ऐक्शन शुरू कर दिया है। लोगों के सत्यापन के लिए पुलिस ने ‘वेरिफिकेशन अभियान’ शुरू किया है। इससे पहले सीएम धामी ने डीजीपी अभिनव कुमार एवं अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से मिलकर उन्हें जनसांख्यिकी परिवर्तन, धर्मांतरण और लव जिहाद के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया था।
सत्यापन अभियान को लेकर DGP अभिनव कुमार ने शनिवार (7 सितंबर 2024) को कहा कि साल 2011 के बाद जनसंख्या की जानकारी के लिए कोई जनगणना नहीं हुई है, लेकिन कुछ लोगों के बीच, खासकर पहाड़ी जिलों में यह धारणा है कि पिछले कुछ वर्षों में बाहर से लोगों के बसने के कारण वहाँ की डेमोग्राफी बदल गई है। इसलिए यह महीने भर का अभियान शुरू किया गया है।
TOI की रिपोर्ट के मुताबिक, डीजीपी ने कहा कि राज्य में बसे असामाजिक तत्वों की जाँच के लिए कुछ क्षेत्रों में एक महीने का वेरिफिकेशन अभियान शुरू किया गया है। इसके पूरा होने के बाद डेमोग्राफी बदलाव के बारे में किसी निष्कर्ष पर पहुँचा जा सकता है। अगर इस प्रकार का कोई मामला है तो इस अभियान से इसकी जानकारी मिलेगी।
दरअसल, अंतिम बार साल 2011 में हुई जनगणना के दौरान उत्तराखंड की कुल जनसंख्या लगभग 1.10 करोड़ थी। इसमें लगभग 84 लाख आबादी हिंदू थी, जो कुल जनसंख्या का 83% थी। वहीं, मुस्लिमों की आबादी 14.06 लाख यानी 13.9% और सिख 2.34% थे। वहीं, 2001 की जनगणना में राज्य में मुस्लिम आबादी 10.12 लाख थी।
लव जिहाद के मामलों को लेकर DGP ने कहा कि दो व्यस्क अपना जीवनसाथी चुनने के लिए स्वतंत्र हैं। लेकिन, अगर कोई दूसरे के धर्म को बदलने के इरादे से रिश्ता बनाता है तो पुलिस मौजूदा कानूनों के तहत कार्रवाई करेगी। अगर ऐसा कोई मकसद नहीं है तो पुलिस किसी को परेशान नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि दोनों मुद्दे राज्य पुलिस के लिए प्राथमिकता है।
हाल ही में कुछ हिंदूवादी संगठनों ने आरोप लगाया था कि देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल, पौड़ी गढ़वाल एवं टिहरी गढ़वाल जैसे कुछ पहाड़ी जिलों में मुस्लिमों की आबादी में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है। उनका आरोप है कि यह देवभूमि की डेमोग्राफी को बदलने की व्यापक साजिश का हिस्सा है और इसे सुनियोजित ढंग से अंजाम दिया जा रहा है।
स्रोत : ऑप इंडिया