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राष्ट्रव्यापी नेटवर्क बनाकर हिन्दूओं का धर्मांतरण कराने वाले नेटवर्क के १४ धर्मांधों पर आरोप प्रविष्ट

राष्ट्रीय जांच एजेंसी की अदालत का निर्णय !

लक्ष्मणपुरी (उत्तर प्रदेश) – हिन्दुओं के अवैध धर्मांतरण के प्रकरण में राष्ट्रीय जांच एजेंसी की अदालत ने मौलाना उमर गौतम, मौलाना कलीम सिद्दीकी के साथ १४ मुसलमानों को दोषी पाया । इन सभी का एक गिरोह फ़तेहपुर में काम कर रहा था। उन्हें भारतीय दंड संहिता की धारा ४१७, १२०बी, १५३ए, १५३बी, २९५ अ, १२१अ और १२३ के साथ-साथ अवैध धर्मांतरण से संबंधित धारा ३, ४ और ५ के तहत दोषी ठहराया गया था। जस्टिस विवेकानंद शरण त्रिपाठी जल्द ही सभी दोषियों को सजा सुनाएंगे ।

मामला क्या है ?

वर्ष २०२२ में खुलासा हुआ था कि मौलाना उमर गौतम और मौलाना कलीम सिद्दीकी के नेतृत्व में एक गिरोह देश भर में धर्मांतरण की ट्रेनिंग दे रहा है । गिरोह ऐसे लोगों को निशाना बनाता है जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं, साथ ही विकलांग भी हैं। वे ऐसे लोगों को प्रलोभन देकर या भय व दबाव देकर धर्म परिवर्तन कराते थे। यदि धर्म परिवर्तन करने वालों पर दबाव डाला जाए तो उन्हें अपने रिश्तेदारों को भी इस्लाम अपनाने के लिए मजबूर करना चाहिए। इसके लिए इन धर्मान्तरित लोगों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया। इसमें बताया गया था कि कैसे हिन्दुओं को उनके धर्म के बारे में भ्रामक जानकारी देकर उन्हें भ्रमित किया जाए ? जांच एजेंसी ने कोर्ट को बताया कि गिरोह ने देशव्यापी नेटवर्क बनाया हुआ है । इस काम के लिए दोषियों को हवाला के माध्यम से विदेश से पैसे भी दिए जाते थे ।

स्रोत : हिन्दी सनातन प्रभात

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