उत्सव धर्मशास्त्रानुसार मनाने पर ही भगवान श्री गणेश की कृपा संपादन कर पाएंगे – कु. क्रांति पेटकर, रणरागिनी शाखा
पुणे – कोथरूड में ‘कीट्रॉनिक्स (इंडिया) प्रा.लि. कंपनी’ की संचालिका श्रीमती मृणाल राजेश कुलकर्णी एवं व्यवस्थापकीय संचालक श्री. राजेश विनायक कुलकर्णी के प्रयासों से गणेशोत्सव के निमित्त से व्याख्यान का आयोजन किया गया । हाल ही में आयोजित किए इस कार्यक्रम में हिन्दू जनजागृति समिति की रणरागिनी शाखा की कु. क्रांति पेटकर ने ‘गणेशोत्सव का आध्यात्मिक महत्त्व और आदर्श गणेशोत्सव कैसा हाेना चाहिए ?’ इस विषय में उपस्थितों का मार्गदर्शन किया ।
इस अवसर पर उन्होंने ‘प्रत्येक शुभकार्य में सर्वप्रथम भगवान श्रीगणेश का पूजन क्यों किया जाता है ? श्रीगणेश की मूर्ति का चयन करते समय सात्त्विक मूर्ति का चयन कैसे करें ? श्रीगणेश के पूजन की विविध कृतियों का आधारभूत शास्त्र, ज्येष्ठा गौरी पूजन का शास्त्र’ आदि की उन्होंने उपस्थितों को जानकारी दी ।
व्याख्यान देते हुए कु. क्रांति पेटकर इस अवसर पर हौद में विसर्जन करने के लिए आई श्री गणेशमूर्तियों का बाद में किसप्रकार अनादर होता है ? इस संदर्भ में विविध वृत्तपत्रों में प्रकाशित और वृत्तवाहिनियों (न्यूज चैनल्स) पर दिखाई गए समाचारों के वीडियो दिखाए गए । इसके साथ ही धर्मशास्त्रानुसार बहते पानी में श्री गणेशमूर्ति विसर्जन करने के पीछे का शास्त्र भी बताया गया । इसे उपस्थित जिज्ञासुओं का उत्स्फूर्त प्रतिसाद मिला । यह विषय प्रतिष्ठान के सभी कर्मचारियों तक पहुंचाएं, ऐसी कीट्रॉनिक्स (इंडिया) प्रा. लि. कंपनी की संचालिका श्रीमती मृणाल राजेश कुलकर्णी की बहुत लगन थी । इसके लिए उन्होंने इस कार्यक्रम का आयोजन किया था । इस अवसर पर ‘कीट्रॉनिक्स (इंडिया) प्रा. लि. कंपनी’के कर्मचारी और अन्य मान्यवर कुल १७५ से भी अधिक जिज्ञासु उपस्थित थे ।