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ज्ञानवापी परिसर चिल्ला कर कह रहा है कि यह हिन्दुओं का परिसर है – अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन, सर्वोच्च न्यायालय


नई देहली – ज्ञानवापी  परिसर में १६ मई २०२२ को शिवलिंग प्राप्त हुआ था । ज्ञानवापी परिसर चिल्ला कर कह रहा है कि यह हिन्दुओं का परिसर है । ज्ञानवापी परिसर में बलपूर्वक नमाजपठन किया जा रहा था । यह अत्यंत चूक है । ज्ञानवापी में हिन्दुओं की आराध्य दवता महादेव का स्थान है । यह हिन्दुओं के १२ ज्योतिर्लिंंग में एक है । न्याय‍व्यवस्था पर हमारा विश्वास है । हम आशा करते हैं कि इस प्रकरण का शीघ्रातिशिघ्र हल निकलेगा ।  ज्ञानवापी के प्रकरण में हिन्दुओं का पक्ष रखनेवालेे सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता विष्णू शंकर जैन ने ऐसा वक्तव्य दिया ।

अधिवक्ता विष्णू शंकर जैन

१. ‘ज्ञानवापी साक्षात् श्री विश्वनाथ का धाम है । इसलिए ज्ञानवापी को ‘मस्जिद’ कहना दुर्भाग्यपूर्ण है, उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऐसा वक्तव्य किया था  । मैं इस वक्तव्य का स्वागत करता हूं ।

२. मथुरा की श्रीकृष्णजन्मभूमि के परिसर में सर्वेक्षण किया जाना चाहिए । हमारी यह मांग है तथा इस मांग के लिए हमने अलाहाबाद उच्च न्यायालय में‍ याचिका प्रविष्ट की है । उच्च न्यायालय ने यह याचिका स्वाकार की है । इस  याचिका को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी ।

३. जिस समय श्रीकृष्णजन्मभूमि पर सर्वेक्षण किया जाएगा, उस समय सभी को स्पष्ट होगा कि यह परिसर ईदगाह मस्जिद नही है । हमारी देवता का परिसर अवैध  रूपसे नियंत्रण में लेकर उसे मस्जिद का स्वरूप देने का प्रयास किया गया ।

वक्फ ने हथियाई भूमि की जांच होनी चाहिए ! – अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन

जा भूमि वक्फ के रूप में नियंत्रण में ली गई है, वह वापस लेने की प्रक्रिया बहुत कठिन है । ऐसे प्रकरणों में जांच के आदेश देने का अधिकार जिलाधिकारियों को दिया गया है । सभी को ज्ञात है कि जिलाधिकारी किसके आदेश के अनुसार काम करते हैं । भारत में वक्फ बोर्ड के पास जितनी संपत्ति है, उसकी जांच होने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर आयोग स्थापन करना चाहिए ।हमारी ऐसी मांग है । वक्फ बोर्ड ने भारी मात्रा में भूमि हथियाई है । यह भूमि‍इस के मूल स्वामी को देना आवश्यक है ।

स्रोत : सनातन प्रभात

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