विविध स्थानों पर आंदोलन
भाग्यनगर (तेलंगाना) – दुनिया भर में करोड़ों भक्तों की आस्था का केंद्र माने जानेवाले श्री तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद के लड्डुओं में पशु चर्बी का तेल मिलाए जाने की बेहद गंभीर बात आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू द्वारा उजागर किए जाने के बाद विश्वभर के हिंदू समाज में भारी आक्रोश निर्माण हुआ है। प्रसाद में पशु चर्बी का तेल मिलाना केवल मिलावट नहीं, बल्कि यह हिंदुओं की धार्मिक आस्था पर जानबूझकर किया गया हमला है। यह घटना हिंदुओं के साथ विश्वासघात का प्रतीक है। पूर्व मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी के पिता सैम्युअल राजशेखर रेड्डी के मुख्यमंत्री रहते हुए, श्री तिरुपति बालाजी मंदिर के पवित्र लड्डू बनाने का ठेका एक ईसाई संगठन को दिया गया था, और मंदिर की प्रबंधन समिति में ईसाई लोगों को नियुक्त किया गया था। इसके साथ ही, मंदिर परिसर में ईसाई मिशनरियों द्वारा धर्मांतरण को प्रोत्साहित किया गया था। अब प्रसाद के लड्डू में चर्बीयुक्त घी मिलाकर हिंदुओं को भ्रष्ट करने का षड्यंत्र रचा जा रहा है।
यह मामला मंदिरों के सरकारीकरण का सबसे बड़ा दुष्परिणाम कहा जा सकता है। देश भर के सभी मंदिरों में इसी प्रकार की धर्मभ्रष्टता या हिंदूविरोधी गतिविधियों की जांच करने की समय आ गया है। कुछ दिनों पहले उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा में शामिल भक्त जिस होटल या ढाबे पर ठहरते थे, वहां उनके भोजन में थूकने और अन्य अशोभनीय हरकतें करने की बातें सामने आई थीं। इसके अलावा कई मंदिरों के बाहर देवता को अर्पित किए गए फूलों और हार में भी थूक लगाने की घटनाएं सामने आई थीं। सिर्फ ‘थूक जिहाद’ ही नहीं, बल्कि मुंबई के श्री सिद्धिविनायक मंदिर से लेकर केरल के कई मंदिरों में प्रसाद ‘हलाल उत्पादों’ से बनाए जाने की घटनाएं भी सामने आई हैं। धार्मिक हिंदू कभी भी इस प्रकार की बातें सहन नहीं कर सकते। भारतीय संविधान ने हर व्यक्ति को धर्म का पालन करने की स्वतंत्रता दी है, और इस स्वतंत्रता में बाधा डालना एक गंभीर अपराध है। हिंदुओं के धार्मिक अधिकारों की रक्षा करना सरकार की जिम्मेदारी है। मंदिरों में दिया जाने वाला प्रसाद सात्त्विक, शुद्ध और पवित्र होना चाहिए, और उसे बनाने और वितरण करने वाले सभी व्यक्ति भी धार्मिक हिंदू होने चाहिए, ऐसी मांग अब समय की आवश्यकता है। इसके लिए हिंदू समाज को संगठित होना चाहिए।
इस पाप को करने वालों के खिलाफ धार्मिक भावना को आहत करने का मामला दर्ज कर तुरंत गिरफ्तार करने की मांग हिंदू जनजागृति समिति एवं महाराष्ट्र मंदिर महासंघ द्वारा की गई है। इसके लिए विविध स्थानों पर आंदोलन किए जा रहे है।
आंदोलन में किए जा रहे प्रस्ताव
१. सरकार हमारे धार्मिक उत्सव और मंदिरों के बीच में न आए ।
२. उपरोक्त घटना की सखोल छानबीन हो ।
३. मंदिर व्यवस्थापन में अन्य धर्मीय पदाधिकारी न हों ।
४. प्रसाद की ही नहीं, अपितु जगनमोहन रेड्डी एवं आंध्रप्रदेश सरकार की सखोल पूछताछ हो ।
५. देशभर के सभी मंदिर सरकारीकरण से मुक्त किए जाएं ।
१. तेलंगाना
रंगा रेड्डी जिले में हिन्दुओं का प्रदर्शन एवं ज्ञापन प्रस्तुति
इस अवसर पर ठाकुर रघुवीर सिंह, श्रिनु, शेखर, अण्णाराम राजू, चंद्रमौली, दर्शन, आंजनेयलू, लोकेश समेत अनेक हिन्दुत्वनिष्ठों की उपस्थिति थी ।
हिमायत नगर
हिंदू जनजागृति समिति तथा सभी हिन्दू संगठनों ने मिलकर हिमायत नगर स्थित तिरुमला तिरुपती देवस्थान के सामने प्रदर्शन किया। इसके बाद बशीरबाग सर्कल तक एक मार्च निकाला गया।
Hindu organizations staged protests against the desecration of Tirupati Balaji Laddu Prasad. The rally began at TTD Devasthanam, Himayat Nagar, and concluded at Basheerbagh Circle, Bhagyanagar. Devout Hindus demanded action against those responsible for mixing animal fat in… pic.twitter.com/gSm91jkUXN
— HinduJagrutiOrg (@HinduJagrutiOrg) September 23, 2024
इस आंदोलन में हिंदू जनजागृति समिति के साथ-साथ सनातन संस्था, राष्ट्रीय शिवाजी सेना, हिंदू संगठन एकता मंच, हनुमान चालीसा ग्रुप, सनातन हिंदू संघ, ग्लोबल हिंदू ह्यूमन राइट्स कलेक्टिव, दलित हिंदू सेना, भाजपा, बजरंग सेना और ईशा फाउंडेशन के कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।
२. गोवा में गोमंतक मंदिर महासंघ द्वारा पणजी में निदर्शन
आंदोलन के वक्ता
सर्वश्री जयेश थळी, राजीव झा, सूजन नाईक, स्वामी हरिश्रद्धानंदजी, अभिजीत बोरकर एवं संजीव कोरगांवकर
आंदोलन में सम्मिलित संगठन
हम हिन्दू, विश्व हिन्दू परिषद, केसरिया हिन्दू वाहिनी, गोवा हिन्दू युवाशक्ति, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, माता मंदिर समिति, वास्को; हिन्दू जनजागृति समिति एवं विविध मंदिरों की समितियां
३. दादर (मुंबई)
मुंबई के दादर (पू.) रेल्वे स्टेशन के बाहर आंदोलन किया गया | इस समय मंदिर महासंघ के सदस्यों समेत भाविक एवं हिंदुत्वनिष्ठ संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित थे |