जल्द शुरू करेंगे बडा अभियान
नई देहली – सिर्फ तिरूपति बालाजी मंदिर ही सरकारी नियंत्रण में नहीं है , बल्कि देशभर में ४ लाख से ज्यादा मंदिर सरकारी नियंत्रण में हैं । इस फॉर्मूले पर हमारी स्थिति स्पष्ट है कि सरकार को मंदिरों और उनकी संपत्तियों को हिन्दू समुदाय के नियंत्रण में सौंप देना चाहिए । मंदिरों के असली ट्रस्टी हिन्दू हैं, सरकार नहीं ।
विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने घोषणा की है कि विश्व हिन्दू परिषद जल्द ही हिन्दू मंदिरों और अन्य धार्मिक स्थलों पर सरकारी नियंत्रण के विरुद्ध एक बड़ा अभियान शुरू करेगी ।
तिरूपति मंदिर के प्रसाद में चर्बी , मछली के तेल और गोमांस से प्राप्त वसा के इस्तेमाल से देश में आक्रोश फैल गया है । उसी के आधार पर बंसल ने उपर्युक्त मांग की है ।
Watch: Vishva Hindu Parishad's General Secretary Bajrang Bagda reacts to Tirupati Prasadam Controversy says, "There have been reports of impure substances being included in the offerings distributed to devotees at the Tirupati temple, the most sacred pilgrimage site for Hindus.… pic.twitter.com/AJ2ge4Raj2
— IANS (@ians_india) September 20, 2024
विहिप के अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव बजरंग बागरा ने एक वीडियो के माध्यम से कहा कि ,
१. तिरूपति की घटना विहिप की इस धारणा को पुष्ट करती है कि मंदिरों पर सरकारी नियंत्रण से मंदिर के मामलों में राजनीतिक घुसपैठ होती है । वहां (सरकारी नियंत्रण वाले मंदिरों में) गैर-हिन्दू अधिकारियों की नियुक्ति के कारण प्रसाद को जानबूझकर अपवित्र किया जाता है ।
२. विहिप कई दिनों से मांग कर रही है कि, हिन्दू मंदिर और अन्य धार्मिक स्थल सरकारी नियंत्रण में नहीं होने चाहिए । तिरूपति के लड्डू प्रसाद में जानवरों की चर्बी का प्रयोग एक असहनीय के साथ-साथ घृणित कार्य भी है । इससे संपूर्ण हिन्दू समाज व्यथित एवं आहत है । हिन्दू समाज अपनी आस्था पर इस तरह के लगातार हमलों को बर्दाश्त नहीं करेगा ।
३. इस मामले की गंभीरता को देखते हुए हमें विश्वास है कि आंध्र प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार इस मामले पर गंभीरता से विचार करेगी । तिरूपति में लड्डू मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और इसमें शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जानी चाहिए ।
स्रोत : हिंदी सनातन प्रभात