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संतों पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले श्याम मानव को जादू-टोना सरकारी समिति से बर्खास्त करो : समस्त वारकरी संप्रदाय

  • आलंदी में जनआंदोलन के माध्यम से सरकार से मांग!

  • ज्ञानेश महाराव के विरुद्ध वारकरी संप्रदाय द्वारा आलंदी पुलिस थाने में शिकायत दर्ज!

आलंदी (जिला पुणे ) – अखिल भारतीय अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के राष्ट्रीय संयोजक श्याम मानव लगातार अंधश्रद्धा निर्मूलन के नाम पर संत ज्ञानेश्वर महाराज, संत तुकाराम महाराज, संत गजानन महाराज और कई अन्य संतों पर जातिवादी और आपत्तिजनक टिप्पणियां करते रहे हैं। समस्त वारकरी समुदाय की धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाले श्याम मानव को जादू-टोना कानून की सरकारी समिति से तुरंत बर्खास्त किया जाए, साथ ही संभाजी ब्रिगेड के राज्यस्तरीय अधिवेशन में प्रभु श्रीराम और श्री स्वामी समर्थ पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले ज्ञानेश महाराव को तुरंत गिरफ्तार किया जाए, ऐसी मांग समस्त वारकरी संप्रदाय ने आज आंदोलन के माध्यम से की। समस्त वारकरी संप्रदाय द्वारा चाकण चौक, आलंदी (पुणे) में जनआंदोलन किया गया। इस दौरान मांग के बैनर लेकर बड़ी संख्या में वारकरी महिलाएं और पुरुष उपस्थित थे।

ज्ञानेश महाराव के खिलाफ पुलिस शिकायत दर्ज!

साथ ही, ज्ञानेश महाराव के विरुद्ध वारकरी संप्रदाय की ओर से आलंदी पुलिस थाने में शिकायत दर्ज की गई। राष्ट्रीय वारकरी परिषद के कार्याध्यक्ष ह.भ.प. बापू महाराज रावकर ने ज्ञानेश महाराव के विरुद्ध यह शिकायत की। इस मौके पर पुलिस उपनिरीक्षक नरके ने शिकायत दर्ज कर ली और कहा कि इस मामले की जांच 2 दिनों में की जाएगी। इस मौके पर गोरक्षक श्री. गणेश हुलावले, समर्थक ज्ञानपीठ के ह.भ.प. महेंद्र महाराज मस्के, श्री. प्रसाद जोशी, ‘महाराष्ट्र मंदिर महासंघ’ के ह.भ.प चोरघे महाराज, ‘आध्यात्मिक आघाड़ी’ के पश्चिम महाराष्ट्र उपाध्यक्ष ह.भ.प. संजय महाराज उंदरे पाटील, ह.भ.प. राममहाराज सूर्यवंशी और ‘हिंदू जनजागृति समिति’ के श्री. पराग गोखले उपस्थित थे।

आलंदी में वारकरी आंदोलन के दौरान ह.भ.प. महेंद्र महाराज मस्के ने कहा, ‘जादू-टोना विरोधी सरकारी समिति के उपाध्यक्ष श्याम मानव को सरकार तुरंत बर्खास्त करे। श्याम मानव यह मानव हैं या दानव? ऐसे व्यक्ति को मुख्यमंत्री को सरकारी समिति से 48 घंटे के भीतर बर्खास्त करना चाहिए ताकि हमें दोबारा आंदोलन करने की जरूरत न पड़े।’

इस मौके पर ‘महाराष्ट्र मंदिर महासंघ’ के ह.भ.प. दत्तात्रय महाराज चोरघे ने कहा कि ज्ञानेश महाराव ने प्रभु श्रीराम और श्री स्वामी समर्थ पर विवादास्पद बयान देकर हिंदू देवता और संतों का अपमान किया है और पूरे हिंदू समाज की भावनाओं को आहत किया है। वारकरी संप्रदाय भले ही सहिष्णु हो, लेकिन तुकाराम महाराज ने कहा था, ‘…नाठाळाचे माथी हाणू काठी।’ ज्ञानेश महाराव के बगल में बैठे बड़े नेता ने भी इस बात पर मौन सहमति जताई थी, इसलिए हम उनकी निंदा करत हैं।

ह.भ.प. बालासाहेब थोरात ने कहा कि हिंदू देवी-देवताओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी करके हिंदू देवता और संतों का अपमान करने वाले ज्ञानेश महाराव पर कठोर कार्रवाई की जाए। प्रशासन ने अगर इस पर ध्यान नहीं दिया तो इससे भी बड़ा आंदोलन किया जाएगा।

राष्ट्रीय वारकरी परिषद के कार्याध्यक्ष ह.भ.प. बापू महाराज रावकर

‘राष्ट्रीय वारकरी परिषद’ के कार्याध्यक्ष ह.भ.प. बापू महाराज रावकर ने कहा कि ज्ञानेश्वर माऊली की पुण्यभूमि से हम इन लोगों का धिक्कार करते हैं। हमें आज सड़कों पर उतरना पड़ा, यह अत्यंत खेद की बात है। इसका अर्थ है कि सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए और हमारी धार्मिक भावनाओं को आहत करने वालों पर कठोर कार्रवाई करनी चाहिए।

इस मौके पर ह.भ.प. बाजीराव महाराज बांगर ने कहा कि तमाम वारकरी समुदाय ज्ञानेश महाराव के बयानों की कड़ी निंदा करता है। समस्त वारकरी संप्रदाय की ओर से सरकार से मांग की गई कि हमारे आराध्य देवताओं पर टीका-टिप्पणी करने का अधिकार किसी को भी नहीं दिया गया है।

श्याम मानव ने सामाजिक न्याय विभाग की ओर से आयोजित जादू-टोना कानून के जनजागृति कार्यक्रम में ‘ज्ञानेश्वर ने भैंसा (रेडा) के मुख से वेद कहलाया, यह पूरी तरह झूठा बताया जा रहा है’ जैसी कई विवादित बातें कही थीं। इससे पहले भी उन्होंने कहा था, ‘कुलकर्णी का 12 साल का लड़का (संत ज्ञानेश्वर महाराज) दीवार कैसे चला सकता है?’, ‘संत तुकाराम महाराज सशरीर वैकुंठ नहीं गए, बल्कि उनकी हत्या हुई थी’ जैसी बातें कहकर वारकरी समुदाय सहित महाराष्ट्र की धार्मिक भावनाओं को आहत किया है। यह किस जादू-टोना कानून का प्रचार है? ऐसा सवाल भी आंदोलन के दौरान सरकार से पूछा गया।

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