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जबलपुर में अवैध मस्जिद हटाने के लिए हिन्दू संगठनों का आंदोलन

  • मस्जिद १० दिनों में न हटानेपर उसे गिरा देने की चेतावनी

  • अवैध मस्जिद को सरकार की ओर से बिजली एवं पानी की आपूर्ति

जबलपुर (मध्य प्रदेश) – शहर के रांझी क्षेत्र में विश्‍व हिन्दू परिषद एवं बजरंग दल के कार्यकर्ता इस क्षेत्र में पहुंचे एवं उन्होंने गायत्री बाल मंदिर की भूमि पर अवैध तरीके से निर्माण की गई मस्जिद गिराने की मांग की । यह अवैध मस्जिद हटाने के लिए हिन्दुत्वनिष्ठ संगठन पिछले अनेक वर्षों से आंदोलन कर रहे हैं । इन संगठनों ने जानकारी देते हुए कहा, ‘मस्जिद का निर्माण करने से पूर्व ही हमने इस संदर्भ में प्रशासन से परिवाद किया था ।’ उन्होंने प्रशासन को १० दिनों की समयावधि दी है तथा चेतावनी देते हुए कहा है, ‘यदि मस्जिद नहीं हटाते, तो हम स्वयं उसे गिरा देंगे ।’

१. हिन्दू संगठनों का कहना है कि वर्ष २०२१ से इस मस्जिद के सूत्र को लेकर आंदोलन चल रहे हैं । १२ जून २०२१ को मस्जिद का निर्माण अवैध पद्धति से किया जा रहा है, ऐसा निवेदन जिलाधिकारियों को सौंपा गया था । तदनंतर २७ जुलाई, २०२१ को बडा आंदोलन हुआ; परंतु तदनंतर प्रशासन द्वारा कोई भी ठोस कार्यवाही न किये जाने से मस्जिद का निर्माणकार्य जारी रहा ।

२. स्थानीय लोगों ने आरोप लगाते हुए कहा, ‘तदनंतर वर्ष २०२१ में तत्कालीन उपजिलाधिकारी ने मस्जिद के निर्माणकार्य पर प्रतिबंध लगाया था; परंतु तब भी मस्जिद का निर्माणकार्य छुपी पद्धति से चालू था ।’

३. इस मस्जिद में बाहर के नगर के लोग आकर निवास करते हैं । इस कारण परिसर में कानून एवं सुव्यवस्था को खतरा निर्माण हुआ है, ऐसा हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों का कहना है । इसके साथ ही रोहिंग्या मुसलमानों की उपस्थिति के विषय में भी हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों ने प्रश्‍न उठाया है । अनेक पुलिस थानों से पुलिस व्यवस्था मंगाकर मस्जिद के आसपास कडी सुरक्षा की गई है ।

४. इससे पूर्व भी प्रशासन ने कईबार आश्‍वासन दिए थे; परंतु ठोस कदम नहीं उठाए, ऐसा हिन्दू संगठनों का कहना है ।

५. आरोप लगाया गया है कि मस्जिद के निर्माणकार्य के कागदपत्र (दस्तावेज) संदिग्ध होते हुए भी इस मस्जिद को बिजली एवं पानी जैसी सरकारी सुविधाएं दी जा रही हैं ।

६. विवादित स्थान पर तनाव बढने से सरकारी अधिकारियों में चर्चा चालू है । हिन्दू संगठनों का कहना है, ‘यह सूत्र केवल भूमि नियंत्रित करने के संदर्भ का नहीं, अपितु उसके पीछे धार्मिक एवं सांस्कृतिक महत्त्व भी है । ‘अयोध्या, काशी, मथुरा के समान अवैध धंधें चल रहे हैं एवं यहां भी वही परिस्थिति निर्माण हुई है ।’

स्रोत : हिंदी सनातन प्रभात

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