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आळंदी देवाची में हजारों वारकरियों और कीर्तनकारों की उपस्थिति में ‘वारकरी सम्मेलन’ संपन्न

वारकरी और हिंदू धर्म के विरुद्ध चल रहे षड्यंत्र को कुचलने का संकल्प!

  • १ हजार वारकरियों का एकत्रित संकल्प
  • ‘लव जिहाद’ के विरुद्ध घर-घर जागृति करने का आह्वान !
सम्मेलन में उपस्थित मान्यवर

आळंदी (जिला पुणे) – आळंदी देवाची में आयोजित ‘वारकरी सम्मेलन’ में हजारों वारकरियों और कीर्तनकारों ने वारकरी और हिंदू धर्म एवं देवी-देवताओं के विरुद्ध चल रहे षड्यंत्र को कुचलने का संकल्प लिया। साथ ही, प्रत्येक वारकारी से ‘लव जिहाद’ के षड्यंत्र को समाप्त करने के लिए प्रयास करने का आह्वान किया गया। आळंदी देवाची में प्रदक्षिणा मार्ग पर स्थित फ्रूटवाले धर्मशाला में यह सम्मेलन आयोजित किया गया। इस सम्मेलन का आयोजन ‘वारकरी संप्रदाय’ और ‘हिंदू जनजागृति समिति’ के संयुक्त तत्वावधान में किया गया था। कार्यक्रम के दौरान वारकरी शिक्षण संस्थाओं को ग्रंथ और पुस्तकें वितरित की गईं। सेवानिवृत्त पुलिस उपाधीक्षक श्री प्रकाश लोंढे ने हिंदू जनजागृति समिति के कार्यों का उद्देश्य बताया और उनके प्रयासों से यह वारकरी सम्मेलन सफल रहा।

इस सम्मेलन में ह.भ.प. संग्राम बापू भंडारे महाराज, गुरुवर्य ह.भ.प. ज्ञानेश्वर शिंदे महाराज, गुरुवर्य ह.भ.प. ज्ञानेश्वर कदम महाराज (छोटे माऊली), ह.भ.प. दत्तात्रय चोरघे महाराज, ह.भ.प. दिगंबर महाराज नरावडे, ह.भ.प. नवल महाराज, ह.भ.प. नामदेव महाराज वाळके, ह.भ.प. संजय महाराज उंदरे, ह.भ.प. बाजीराव महाराज बांगर, ह.भ.प. संतोष आनंद महाराज, ह.भ.प. महेंद्र महाराज मस्के सहित ह.भ.प. कीर्तनकार-प्रवचनकार महाराज, वारकरी शिक्षण संस्था के गुरुवर्य और वरिष्ठ साधक विद्यार्थी, हिंदू प्रेमी और राष्ट्रप्रेमी नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

दीपप्रज्वलन करते हुए मान्यवर

ह.भ.प. प्रकाश महाराज बोधले ने कहा कि , पिछले कई वर्षों से हिंदुत्व और हिंदू दर्शन की उपेक्षा करते हुए केवल सत्ता, संपत्ति और कीर्ति प्राप्त करने के लिए कई ‘मंडली’ ने अपना जीवन बर्बाद किया है; लेकिन हिंदू जनजागृति समिति इसका अपवाद है। देश में पुलिस और सीमा पर सैनिक देश की रक्षा कर रहे हैं, तो दूसरी ओर देश में हिंदू जनजागृति समिति निष्काम भाव से हिंदू धर्म का प्रचार कर रही है और हिंदू धर्म पर हो रहे आघात को रोकने का कार्य कर रही है। जहां कहीं भी हिंदू धर्म पर आघात होता है, वहां हिंदू जनजागृति समिति शीत युद्ध के विरुद्ध लड़ाई लड़ रही है। हिंदू धर्म की रक्षा करना ही हिंदुओं का कर्तव्य है। मायके के संस्कारों को निभाते हुए ससुराल में रहने वाली बहू को ‘आदर्श बहू’ कहा जाता है। उसी प्रकार हिंदुओं को हिंदू धर्म के कार्यों को करके दिखाना चाहिए।

इस बार ह.भ.प. संग्राम बापू भंडारे महाराज ने कहा कि , आळंदी में आयोजित वारकरी सम्मेलन में वारकरियों की भारी संख्या में उपस्थिति देखकर अब हर तीन महीने में आळंदी में ऐसा सम्मेलन आयोजित किया जाना चाहिए। विदेशी आक्रमण, जिहाद, धर्म परिवर्तन जैसे बड़े खतरे होने के बावजूद वारकरी संप्रदाय ने अपनी संस्कृति को बचाए रखा है। अब हमें बहुत बड़े पैमाने पर काम करना होगा, तभी धर्म का भविष्य सुरक्षित रहेगा। मुसलमान भले ही हमारी वारी में आएं, लेकिन वे अपना पंथ साथ लेकर आते हैं। वे अपने धर्म के प्रचार के लिए हमारे बीच आते हैं। हमारे हिंदू अपनी संस्कृति छोड़कर टोपी पहन लेते हैं। हिंदू अपना धर्म छोड़ देते हैं और मुसलमान अपना धर्म नहीं छोड़ते। हिंदुओं को अन्य धर्मों के षड्यंत्रों से सावधान रहना चाहिए।

उपस्थित हजारों वारकरी

हिंदू संगठक और प्रसिद्ध लेखक श्री समीर दरेकर ने कहा कि, हिंदुओं को इस्लाम और उनके धर्मग्रंथ को समझना आवश्यक है। इसे समझने के बाद उन्हें पता चलेगा कि मुसलमान सर्वधर्मसमभाव क्यों नहीं मानते? ईसाई लोग अब यीशु के भजन गा रहे हैं। यीशु की प्रतिमा लगाकर श्रीसत्यनारायण की पूजा की जा रही है। विद्रोही मंडली हिंदू और वारकरी को अलग बता रहे हैं। मूल रूप से ये दोनों एक ही हैं। ईसाई लोग हिंदुओं के नाम देकर हिंदुओं का धर्म परिवर्तन कर रहे हैं। अन्य धर्म में गए हिंदुओं को अपने धर्म में वापस लाना वारकरियों का कर्तव्य है। वारकरियों को धर्म परिवर्तन के खिलाफ सतर्क रहना चाहिए और हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ लड़ना चाहिए।

हिंदू जनजागृति समिति के महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ राज्यों के संयोजक श्री सुनील घनवट ने कहा कि, देश में अर्बन नक्सलवाद की भयानक समस्या है। कश्मीर में 32 साल पहले हिंदुओं की हत्या हुई थी; लेकिन प्रगतिशील, कम्युनिस्ट मंडली ने मुंह नहीं खोला। ये संगठन अर्बन नक्सलवादियों को सहयोग कर रहे हैं। देश में बिगड़े हुए लोग, प्रगतिशील, कम्युनिस्टों ने हिंदू धर्म और हिंदू समाज के विरोध में समाज में ‘नैरेटिव’ (झूठे कथन) बनाकर सनातन धर्म को नष्ट करने की साजिश रची है। यह शहरी नक्सलवाद अब वारकरियों की वारी में भी घुस गया है। इन नक्सलवादियों द्वारा हिंदू धर्म को अलग, वारकरी संप्रदाय को अलग बताकर हिंदुओं के मन में जहर घोला जा रहा है। इसलिए वारकरी संप्रदाय, हिंदुत्वनिष्ठ संगठनों को संगठित होकर इस साजिश को कुचलना चाहिए। अगर हिंदुओं की सभी समस्याओं का समाधान करना है, तो एक ही विकल्प है हिंदू राष्ट्र की स्थापना करना!

रणरागिणी शाखा की कु. क्रांतिताई पेटकर ने कहा कि , हलाल अर्थव्यवस्था में हिंदुओं का पैसा आतंकवादियों को सहयोग करने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। इसलिए देश के लिए घातक हलाल अर्थव्यवस्था के विरोध में जन आंदोलन में वारकरियों को भाग लेना चाहिए।

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