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अमरावती स्थित श्री सोमेश्वर संस्थान की 50 करोड़ की जमीन 960 रुपये में बेची गई!

मंदिरों की जमीनों को हड़पने वाले तहसीलदार और सभी दोषियों को तुरंत गिरफ्तार करें! – ‘महाराष्ट्र मंदिर महासंघ’ की मांग

अमरावती स्थित श्री सोमेश्वर महादेव संस्थान की 50 करोड़ रुपये की जमीन तहसीलदार के अवैध आदेश से मात्र 960 रुपये में बेची गई, यह एक गंभीर मामला सामने आया है। महाराष्ट्र मंदिर महासंघ इस मामले की कड़ी निंदा करता है और मांग करता है कि इस मामले में तुरंत तहसीलदार और सभी संबंधित दोषियों की जांच कर उन्हें गिरफ्तार किया जाए।

क्या है मामला

श्री सोमेश्वर महादेव संस्थान, अमरावती, ता.जि. अमरावती की धार्मिक संस्थान की मालिकी की मौजा-पेठ अमरावती, ता. जि. अमरावती में सर्वे नंबर 94, क्षेत्रफल 4 हेक्टेयर 85 आर की खेती योग्य जमीन है। इस जमीन को हड़पने के उद्देश्य से सुमन कोठार नामक व्यक्ति ने तहसीलदार, अमरावती के समक्ष उक्त जमीन खरीदने के लिए आवेदन किया था। तहसीलदार विजय सुखदेव लोखंडे ने कुल कानून की धाराओं का उल्लंघन करते हुए संस्थान के प्राथमिक आपत्ति आवेदन को नकारते हुए बिना किसी प्रमाण या गवाही के, संस्थान की 50 करोड़ रुपये मूल्य की जमीन को मात्र 960 रुपये में खरीदने का अवैध आदेश जारी किया। यह आदेश 26.09.2024 को पारित किया गया और अगले ही दिन 27.09.2024 को अपील की अवधि समाप्त होने से पहले ही खरीदी भी दर्ज कर ली गई।

तहसीलदार विजय सुखदेव लोखंडे ने श्री सोमेश्वर संस्थान की जमीन के मामले में अनियमितता करके अवैध रूप से संस्थान की जमीन का हस्तांतरण करने की कोशिश की है। इससे संस्थान और उसके भक्तों के साथ गंभीर धोखाधड़ी हुई है। तहसीलदार विजय लोखंडे ने अपने पद का दुरुपयोग कर इस मामले में अवैध रूप से प्रक्रिया चलाई और कुल कानून की कानूनी धाराओं और सरकारी सर्कुलर का उल्लंघन किया। इसमें स्थानीय बिल्डर लॉबी की भी संलिप्तता नजर आती है, जो जमीन हड़पने की कोशिश कर रही है। इसलिए, तहसीलदार विजय सुखदेव लोखंडे के खिलाफ सेवा, अनुशासन और कानून के तहत विभागीय जांच कर कठोर कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए, ऐसी मांग ‘महाराष्ट्र मंदिर महासंघ’ ने की है। ‘महाराष्ट्र मंदिर महासंघ’ के राज्य कोर कमिटी पदाधिकारी श्री अनुप जयस्वाल और महासंघ के जिला निमंत्रक श्री कैलाश पनपालिया ने इस बारे में विभागीय आयुक्त, जिलाधिकारी और उपविभागीय अधिकारी, अमरावती के पास शिकायत दर्ज कराई है। अगर तहसीलदार विजय लोखंडे और अन्य दोषियों पर कार्रवाई नहीं की गई, तो मंदिर महासंघ की ओर से सड़कों पर उतरकर उग्र आंदोलन किया जाएगा, ऐसा महासंघ ने चेतावनी दी है।

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