राज्य के शालेय शिक्षणमंत्री दीपक केसरकर को ज्ञापन सौंपा गया
मुंबई – ‘स्टूडेंट इस्लामिक ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इंडिया’ (SIO) ने ‘शाळा-महाविद्यालयांत कुराणाचे मार्गदर्शन’ (विद्यालयों और कॉलेजों में कुरान की शिक्षा) के तहत एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया है। इसके बारे में एक खबर २७ सितंबर को दैनिक ‘सकाळ’ में प्रकाशित हुई थी। भारतीय संविधान के अनुसार, देश में सभी धर्मों का सम्मान किया जाना चाहिए, लेकिन किसी एक धर्म के धार्मिक ग्रंथ को विद्यालयों और कॉलेजों में सिखाना संविधान के विरुद्ध है। इस तरह के कदम से धार्मिक संघर्ष बढ़ सकता है और अशांति पैदा हो सकती है; इसलिए ऐसे धार्मिक मार्गदर्शन को अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
इस संदर्भ में हिंदू राष्ट्र समन्वय समिति ने ३ अक्टूबर को महाराष्ट्र के शालेय शिक्षणमंत्री दीपक केसरकर को एक ज्ञापन सौंपा। यह ज्ञापन ‘फुलोरा फाउंडेशन’ द्वारा बच्चों के लिए आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान मंत्री केसरकर के सरकारी निवास स्थान पर दिया गया। इस कार्यक्रम का निमंत्रण फाउंडेशन के अध्यक्ष और पूर्व उपमहापौर बाबुभाई भवानजी ने समिति को दिया था। इस अवसर पर समिति के सदस्य रविंद्र दसारी, मनीष सैनी, सतीश सोनार और धनश्री केलशीकर उपस्थित थे।
ज्ञापन में आगे कहा गया कि ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन न किया जाए और संबंधित संगठन और सभी विद्यालयों-कॉलेजों को इसके लिए निर्देश जारी किए जाएं। अगर इस ज्ञापन के अनुसार कोई कार्यवाही नहीं की जाती है, तो हिंदू राष्ट्र समन्वय समिति इस मामले पर आंदोलन करेगी।
ज्ञापन में यह भी कहा गया कि जब विद्यालयों में श्रीमद्भगवद्गीता पढ़ाई जा रही थी, तब ‘शिक्षा का भगवाकरण हो रहा है’ का आरोप लगाने वाले तथाकथित धर्मनिरपेक्ष लोग अब कहां छिपे हुए हैं? यह हिंदू छात्रों के विचारों का दमन करने की साजिश है और हिंदुओं को इसका वैध तरीके से विरोध करना चाहिए।