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बांग्लादेश की राजधानी में दुर्गा पूजा के पंडाल पर बमबारी, पेट्रोल बम फेंककर इस्लामिक कट्टरपंथियों ने फैलाई दहशत

 नवरात्रि में हिंदुओं पर हमलों के 35 मामले, 17 गिरफ्तार

बांग्लादेश में इस बार दुर्गा पूजा के दौरान इस्लामिक कट्टरपंथियों द्वारा किए गए हमलों ने हिंदू समुदाय को झकझोर कर रख दिया है। राजधानी ढाका के टाटी बाजार इलाके में शुक्रवार (11 अक्टूबर 2024) को दुर्गा पूजा पंडाल पर पेट्रोल बम फेंका गया। इस घटना से इलाके में दहशत फैल गई, और पूजा में शामिल भक्तों को जान बचाने के लिए भागना पड़ा। वीडियो में एक घायल व्यक्ति को अस्पताल ले जाते हुए दिखाया गया है, जिससे यह साफ है कि हमले ने गंभीर रूप से घायल किए हैं।

सोशल मीडिया पर ‘वॉयस ऑफ बांग्लादेश हिंदू’ नाम के अकाउंट से यह वीडियो शेयर किया गया। यह हमला अचानक हुआ और हमलावर, जो इस्लामी कट्टरपंथी बताए जा रहे हैं, मौके से फरार हो गए। बांग्लादेश पुलिस ने घटना की जाँच शुरू कर दी है, लेकिन अभी तक कोई गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं हुई है।

दुर्गापूजा के मंच से इस्लामिक क्रांति का गाना

इसके पहले, 9 अक्टूबर 2024 को चटगांव में दुर्गा पूजा के दौरान भी सांप्रदायिक तनाव पैदा करने का प्रयास किया गया था। कुछ इस्लामी कट्टरपंथियों ने खुद को स्थानीय सांस्कृतिक संगठन ‘चटग्राम सांस्कृतिक अकादमी’ का सदस्य बताकर दुर्गा पूजा मंच पर प्रवेश किया और आयोजकों को धोखे में रखते हुए इस्लामी क्रांति का प्रचार करने वाले गाने गाए। पूजा मंडप में मौजूद भक्त इस घटना से हैरान रह गए और इसे सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने की एक सोची-समझी साजिश के रूप में देखा जा रहा है।

इस घटना को हमेशा की तरह छिपाने की कोशिश की गई, लेकिन मामले के सोशल मीडिया पर फैलने और स्थानीय लोगों द्वारा इसकी पुष्टि करने के बाद प्रशासन को कदम उठाना पड़ा। हालाँकि प्रशासन ने आयोजक को भी गिरफ्तार कर लिया।

दुर्गा पूजा पर 35 हमले, 17 गिरफ्तारियां

बांग्लादेश के पुलिस महानिरीक्षक (IGP) मोहम्मद मोइनुल इस्लाम ने पुष्टि की है कि इस साल दुर्गा पूजा के दौरान कुल 35 हमलों की घटनाएँ हुई हैं, जिनमें पूजा पंडालों पर हमले और सांप्रदायिक हिंसा शामिल है। अब तक 17 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। हैरानी की बात ये है कि बांग्लादेश के आईजीपी मोहम्मद मोइनुल इस्लाम ने हिंदुओं पर हमलों की घटनाओं को कमतर बताते हुए कहा कि ऐसी घटनाएँ मुस्लिमों के त्योहार के समय भी होती है।

मोहम्मद मोइनुल इस्लाम ने कहा, “पूरे बांग्लादेश में 32000 मंडप लगे हैं। ऐसी घटनाएँ हिंदुओं ही नहीं, मुस्लिमों के त्योहार के समय भी होती हैं।” रिपोर्ट्स के अनुसार, इन हमलों में ज्यादातर हमलावर इस्लामिक कट्टरपंथी थे, जो हिंदू धार्मिक स्थलों और त्योहारों को निशाना बना रहे थे। इन घटनाओं से बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय की स्थिति पर गहरा प्रभाव पड़ा है, जो अब अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।

स्रोत : ऑप इंडिया

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