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सोमेश्वर देवस्थान के बाद अब श्री काळेश्वर महादेव संस्थान की करोड़ों की जमीन हथियाने की साजिश!

  • महाराष्ट्र मंदिर महासंघ द्वारा अवैध खरीद मामले को रद्द करने की मांग!
  • महाराष्ट्र के कई हिंदू मंदिरों की जमीन संकट में!
‘श्री काळेश्वर महादेव संस्थान’ / ‘श्री कोंडेश्वर महादेव संस्थान’ भुजवाडा, दर्यापुर, जि. अमरावती

अमरावती जिले के श्री सोमेश्वर देवस्थान की 50 करोड़ रुपये की जमीन को कौडी के दामों बेचे जाने का घोटाला अभी ताजा ही था, और अब दर्यापुर तालुका के श्री काळेश्वर महादेव संस्थान की करोड़ों रुपये की जमीन हथियाने का दूसरा चौंकाने वाला मामला सामने आया है। इस संदर्भ में ‘महाराष्ट्र मंदिर महासंघ’ की कोर टीम के राज्य पदाधिकारी श्री. अनुप जयस्वाल और महासंघ के अमरावती जिला निमंत्रक श्री. कैलास पनपालीया ने दर्यापुर के तहसीलदार के पास लिखित शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने इस मंदिर की जमीन की अवैध खरीद को तुरंत रद्द करने की मांग की है।

पहले ‘श्री काळेश्वर महादेव संस्थान’ के नाम से प्रसिद्ध यह देवस्थान अब ‘श्री कोंडेश्वर महादेव संस्थान’ के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर की भुजवाडा, तालुका दर्यापुर, जिला अमरावती में स्थित गट क्रमांक 68 और 92 की जमीन है। यह जमीन संस्थान को क्रमशः वर्ष 1910 और वर्ष 1912 में प्राप्त हुई थी। इस जमीन से होने वाली आय से मंदिर का रखरखाव होना चाहिए था, लेकिन जमीन पर कब्जा करने वालों से मंदिर को कोई लाभ नहीं मिल रहा है, और मंदिर की स्थिति भी बेहद जर्जर है। मंदिर के सभी ट्रस्टी के निधन का फायदा उठाते हुए, इस 15 एकड़ जमीन में से 6 एकड़ जमीन को हड़पने के लिए दर्यापुर तहसीलदार के पास जमीन खरीदने का मामला दर्ज कराया गया है। यह आवेदन पुरुषोत्तम पुंडलिकराव टाले ने किया है।

सर्वोच्च न्यायालय ने पहले ही अपने विभिन्न निर्णयों में स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि मंदिर की जमीनों की सुरक्षा की जिम्मेदारी शासन और न्यायालय की होती है। इसके उपरांत, कुछ राजस्व विभाग के अधिकारियों द्वारा अपने पद का दुरुपयोग कर अवैध रूप से मंदिर की जमीनों को निजी हाथों में सौंपा जा रहा है।

‘महाराष्ट्र मंदिर महासंघ का ज्ञापन के समय दर्यापुर से मंदिर के हितैषी प्रदीप मलिये, गौरव बैताडे, ओम राणे, संदीप राजगुरे, गजानन शेंडोकार, अक्षय सरडे, दिनेश धोत्रे, तेजस गीरी आदि उपस्थित थे

इस मंदिर को ‘कुल’ कानून से छूट का प्रमाणपत्र मिला हुआ है, इसलिए मंदिर की जमीन के लिए तहसीलदार द्वारा बिक्री का प्रमाणपत्र देने का मामला तुरंत रद्द कर दिया जाए और इस मामले को रिकॉर्ड में दाखिल किया जाए, ऐसी मांग भी मंदिर महासंघ ने की है। इस जमीन के मामले में मंदिर महासंघ की ओर से आगे भी कार्यवाही की जाएगी। इस ज्ञापन के समय दर्यापुर से मंदिर के हितैषी प्रदीप मलिये, गौरव बैताडे, ओम राणे, संदीप राजगुरे, गजानन शेंडोकार, अक्षय सरडे, दिनेश धोत्रे, तेजस गीरी आदि उपस्थित थे।

राज्यव्यापी अभियान

पूरे महाराष्ट्र में पिछले कुछ समय से मंदिरो की जमीन हडपने के ऐसे कई मामले सामने आ रहे हैं, और इन पर रोक लगाने के लिए महाराष्ट्र सरकार को सख्त कदम उठाना जरूरी हो गया है। यदि कहीं और भी ऐसा मामला हो तो उसकी पूरी जानकारी मंदिर महासंघ को दी जाए। इस विरोध में जल्द ही मंदिर महासंघ की ओर से राज्यव्यापी अभियान शुरू किया जाएगा, ऐसी जानकारी मंदिर महासंघ के राष्ट्रीय संगठक श्री. सुनील घनवट ने दी है।

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