हिन्दू स्वाभिमान सम्मेलन में शिव प्रेरणा यात्रा !
तासगांव (जिला सांगली) – १५० करोड लोकसंख्या वाले भारत देश में १० करोड घुसपैठिए हैं । इनमें से असम से ३ लाख घुसपैठिए महाराष्ट्र में आए हैं, ऐसे में अपना महाराष्ट्र सुरक्षित है क्या ? ये घुसपैठिए देश के प्रत्येक भाग में घुस गए हैं । यदि देश सुरक्षित नहीं है, तो क्या हम सुरक्षित रह सकते हैं ? घर के बाहर बढी हुई चाहरदीवारी अपने मन का भय और असुरक्षितता की भावना दर्शाती है । इस पार्श्वभूमि पर ‘एन्.आर्.सी.’ का कानून बनना ही चाहिए । बांगलादेश के हिन्दुओंपर हुए अत्याचार भारत में नहीं होंगे, इस भ्रम में रहेंगे तो फंसेंगे, ऐसा प्रतिपादन प्रखर हिन्दुत्वनिष्ठ राष्ट्रभक्त एवं ‘सुदर्शन’ वाहिनी के संपादक डॉ. सुरेश चव्हाणके ने यहां किए ।
१८ प्रमुख जातियों में बिखरे हिन्दुओं को एक हिन्दू के रूप में एकत्र करने के लिए ‘हिन्दू स्वाभिमान’ सम्मेलन अर्थात ‘शिवप्रेरणा यात्रा’ प्रखर हिन्दुत्वनिष्ठ राष्ट्रभक्त तथा राष्ट्रीय सुदर्शन वाहिनी के संपादक श्री. सुरेशजी चव्हाणके ने आरंभ की है । उस उपलक्ष्य में २१ अक्टूबर को उनका तासगांव में भव्य स्वागत किया गया । इस अवसर पर उन्होंने उपस्थितों का मार्गदर्शन किया ।
श्री. सुरेश चव्हाणके ने आगे कहा, लोकसंख्या का विचार करते हुए महाराष्ट्र २१ वें क्रमांक पर है; यानी २० राज्य हमारे आगे हैं । अपनी भूमि, जगह यदि हमने छोड दी, तो वह पुन: कभी नहीं मिलेगी । यह खेल राष्ट्रनीति से समाप्त होगा, राजनीति से नहीं ! वक्फ मंडल को १० करोड मान्य होने पर प्रश्न पूछनेवाला मैं था । वह प्रकरण २ करोड पर ही रुक गया । आगे ८ कोटी रुपये नहीं दिए गए । ‘वोट जिहाद’ हो रहा है । घुसपैठ की याचिका पर निर्णय हो गया है । २५ मार्च १९७१ के उपरांत का प्रत्येक अहिन्दू घुसपैठी है, ऐसा सर्वाेच्च न्यायालय ने बताया है ।
हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा डॉ. सुरेश चव्हाणके को ग्रंथ भेट !
यहां के मुख्य चौक पर स्थित छत्रपति श्री शिवाजी महाराजजी की प्रतिमा को पुष्पहार पहनाकर कार्यक्रम का प्रारंभ हुआ । तदुपरांत सानेगुरुजी वाचनालय में मान्यवरों के हस्तों दीपप्रज्वलन एवं छत्रपति शिवाजी महाराजजी की प्रतिमा एवं भारतमाता की प्रतिमा को हार पहनाकर कार्यक्रम का प्रारंभ हुआ । इस अवसर पर हिन्दू जनजागृति समिति के सांगली जिला समन्वयक श्री. संतोष देसाई ने उन्हें ‘हिन्दू राष्ट्र आक्षेप एवं खंडन’ ग्रंथ भेटस्वरूप दिया ।
मेरी मृत्यु हो जाए, तब भी पुन: जन्म लूंगा और हिन्दुत्व के लिए कार्य करता रहूंगा ! – डॉ. सुरेश चव्हाणके
इस अवसर पर ‘बॉयकॉट हलाल जिहाद’ (हलाल जिहाद का बहिष्कार करें !) इसका क्यू.आर्. कोड हस्ताक्षर अभियान के लिए सभागृह के बाहर लगाया गया था । इस विषय में समिति के श्री. संतोष देसाई के आवाहन करने पर अनेक उपस्थित लोगों ने हस्ताक्षर किए । श्री. चव्हाणके ने स्पष्ट किया कि ‘एक दिन तो मरना ही है । हिन्दू धर्म में पुनर्जन्म है और इस सभागृह में उपस्थित प्रत्येक हिन्दू पुनर्जन्म लेकर ही आया है । इसलिए इस संघर्ष में मृत्यु आ जाए तब भी मैं पुन: जन्म लेकर हिन्दुत्व के लिए कार्य करता रहूंगा ।’