चटगांव में आज हजारों बांग्लादेशी हिंदू अपने अधिकार और सुरक्षा की मांगों को लेकर सड़कों पर उतरे। यह प्रदर्शन बांग्लादेश सनातन जागरण मंच के बैनर तले हुआ, जहां उन्होंने सरकार के सामने अपनी 8 मुख्य मांगें रखीं। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों के लिए फौरन स्पीडी ट्रायल कोर्ट (त्वरित सुनवाई अदालतें) बनाई जाएं और दोषियों को सख्त सजा दी जाए। साथ ही, हिंदू पीड़ितों को मुआवजा और पुनर्वास सुविधा मिले ताकि वे अपनी जिंदगी फिर से शुरू कर सकें।
उनकी मांगों में अल्पसंख्यक सुरक्षा कानून को तुरंत लागू करने पर जोर दिया गया। इसके अलावा एक अलग अल्पसंख्यक मामलों का मंत्रालय बनाने की मांग की गई, ताकि हिंदू, बौद्ध और ईसाई समुदायों के कल्याण के लिए बेहतर काम हो सके। उन्होंने हिंदू वेलफेयर ट्रस्ट को अपग्रेड कर ‘हिंदू फाउंडेशन’ बनाने और इसी तरह बौद्ध और ईसाई ट्रस्टियों को भी फाउंडेशन का दर्जा देने की मांग की।
Hindus assembled today at Lal Dighi in Chittagong, Bangladesh.
This show of strength has no long term advantage unless India picks up the baton and supports the Hindus of Bangladesh to carve out an Independent Enclave.
That's my take. pic.twitter.com/FONRn2bI0P
— Kashmiri Hindu (@BattaKashmiri) October 25, 2024
इसके अलावा प्रदर्शनकारियों ने ‘संपत्ति पुनः प्राप्ति और संरक्षण अधिनियम’ को सख्ती से लागू करने की बात कही। साथ ही हर शैक्षणिक संस्थान में अल्पसंख्यकों के लिए पूजा स्थल बनाने और हॉस्टलों में प्रार्थना कक्ष की व्यवस्था करने की मांग रखी गई है
सनातन जागरण मंच ने शिक्षा सुधार की ओर भी ध्यान दिलाते हुए संस्कृत और पाली शिक्षा बोर्ड का आधुनिकीकरण करने और दुर्गा पूजा के दौरान 5 दिनों की छुट्टी की मांग की। मंच का कहना है कि हर बार बांग्लादेश में सरकार बदलने पर अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय पर हमले बढ़ जाते हैं, जिससे उनका जीना मुश्किल हो जाता है। सनातन जागरण मंच ने चेतावनी दी है कि अगर इन मांगों को जल्द पूरा नहीं किया गया, तो वे ढाका में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन करेंगे।
बांग्लादेश में शेख हसीना के इस्तीफे और तख्तापलट के बाद से लगातार हिंदुओं को निशाना बनाए जाने की खबरें सामने आती रही हैं। मंदिरों में तोड़फोड़ की तस्वीरें में सोशल मीडिया के जरिए सामने आईं थीं। इसके विरोध में इसी साल में अगस्त के महीने में ढाका की सड़कों पर हजारों हिंदू हाथों में पोस्टर लेकर उतरे थे। तब भी उन्होंने नारेबाजी करते हुए शांति की अपील की थी।
स्रोत : आज तक