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बांग्लादेश में हिन्दुओं की सुरक्षा के लिए विश्व को आवाज उठानी चाहिए – पू. (अधिवक्ता) रवीन्द्र घोष

  • ‘बांग्लादेश माइनॉरिटी वॉच’ के पू. (अधिवक्ता) रवीन्द्र घोष की वीडियो द्वारा अनुरोध !
  • हिन्दुओं पर अत्याचार के ३०३६ प्रकरणों की प्रत्यक्ष जांच की गई !

ढाका (बांग्लादेश) – यह तो संपूर्ण विश्व जानता है कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिन्दुओं पर लगातार आक्रमण होते रहते हैं। वर्ष १९७१ में बांग्लादेश की स्वतंत्रता के लिए अल्पसंख्यक हिन्दुओं ने बहुत बड़ा बलिदान दिया है। हमारे पास हिन्दुओं पर आक्रमणों और अत्याचारों के ३ सहस्त्र ३६ मामलों की रिपोर्ट है ; किंतु चाहे शेख हसीना हों, खालिदा जिया हों या कोई और, किसी भी सरकार ने हिन्दुओं पर अत्याचार रोकने या उनके अधिकारों की रक्षा के लिए कोई कदम नहीं उठाया। सभी के शासनकाल में हिन्दुओं पर अत्याचार हुआ। बांग्लादेश माइनॉरिटी वॉच के संस्थापक अध्यक्ष, पु. (अधिवक्ता) रवीन्द्र घोष ने दुनियभर के लोगों को आवाहन किया है की वे बांगलादेश में हो रहे अल्पसंख्याक हिन्दुओंके रक्षण के लिये कदम उठाये । उन्होंने इस संबंध में प्रसारित वीडियो ‘सनातन प्रभात’ को भेजा है ।

पू. घोष ने आगे कहा,

१. हम हिंदुओं के विरुद्ध अत्याचार का विरोध करते रहे हैं।’

२. हमने बार-बार बांग्लादेश सरकार से अल्पसंख्यक हिन्दुओं की रक्षा के लिए अनुरोध किया, किंतु कोई लाभ नहीं हुआ। यदि इसे रोका नहीं गया तो बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिन्दू जातीय रूप से विखंडित हो जायेंगे।

बांग्लादेश में हिन्दुओं के जीवन और संपत्ति की रक्षा के लिए हमारी लड़ाई !

पु. घोष ने कहा कि बांग्लादेश में मानवाधिकारों की रक्षा का दायित्व स्वीकार करते हुए हमने वास्तव में देश में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार, हत्या, धमकी, सामूहिक बलात्कार आदि प्रत्यक्ष जांच (ग्राउंड जीरो इन्वेस्टिगेशन) की है। हम बांग्लादेश में हिन्दुओं के जीवन और संपत्ति की रक्षा के लिए लड रहे हैं। हमने बांग्लादेश के ढाका, चटगांव, दिनाजपुर, रामपुर आदि जिलों का निरीक्षण किया और वहां हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचारों के बारे में जानकारी ली।

स्रोत : सनातन प्रभात हिन्दी

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