महिलाओं से बात करते समय अत्यंत अश्लील शब्दों का प्रयोग !
नवी मुंबई – तलोजा सेक्टर ९ में पंचानंद बिल्डिंग में दिवाली के अवसर पर जब महिलाएं बिजली की रोशनी कर रही थीं, तो धर्मांध पुरुषों ने झगड़ा शुरू कर दिया और कडा विरोध करते हुए दीपक जलाने से मना किया । इस समय धर्मांध पुरुष महिलाओं के विरुद्ध बहुत ही अश्लील शब्दों मे बोले । इस समय महिलाओं ने भी उनसे उल्टा प्रश्न किया, ”आपके घर में मां, बहन है की नहीं हैं ?” घटना का वीडियो बना रहे हिन्दू व्यक्ति पर आक्रमण का भी प्रयास किया गया । एक अन्य धर्मांध ने हिन्दू महिलाओं से कहा, ”आप इमारत में हिन्दू और धर्मांध के बीच अंतर उत्पन्न कर रही हैं ।” इस संबंध में एक वीडियो सामाजिक माध्यम पर प्रसारित किया गया है ।
Strong objections from MuS!ims against setting up Diwali lights at Taloja (Navi Mumbai).
They even used obscene words while talking to women!
Is this India or Bangladesh to not allow Hindus to put lights on Diwali ? Will the Maharashtra Police take any action on this or not?… pic.twitter.com/Vwdj4CWCjF
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) October 30, 2024
समझा जाता है कि कुछ कट्टर धर्मांधों ने इसलिए विरोध प्रदर्शन किया क्योंकि यहां सोसायटी के परिसर में उन्हें बकरीद मनाने की अनुमति नहीं दी गई थी । (क़ानून के अनुसार कुर्बानी सार्वजनिक स्थानों पर नहीं दी जा सकती, इसे केवल सरकार द्वारा निर्दिष्ट क्षेत्रों में ही दी जानी चाहिए, यह वे जानते हैं फिर भी दीपक जलाने का विरोध करते हैं, ऐसे हैं धूर्त धर्मांध ! – संपादक)
घटना के वीडियो में धर्मांधों का अहंकार उजागर !
वीडियो में देखा जा सकता है कि, ”इमारत में रोशनी नहीं होंगी । “जिद्दी मत बनो”, धर्मांध बार-बार कह रहे हैं और अपनी बात पर अडे हैं । हिन्दू महिलाएं कह रही हैं ‘ दीपक जलाऐंगे । ‘ यहां तक कि जब एक हिन्दू ने सवाल पूछा, ‘क्या रोशनी करने पर इमारत सुंदर नहीं लगती ?’, तो भी धर्मांध विरोध करते रहे । एक धर्मांध “रोशनी नहीं करने।
यदि तुम करोगे तो बुरा होगा । मैं सभी कार्यक्रम रद्द कर दूंगा । मैंने कॉलोनी चेअरमन को बता दिया है । कॉलोनी की बैठक में निर्णय लिया गया है कि ‘त्योहार नहीं मनाना है ।’ ऐसा जोर जोर से बोल रहा है । हिन्दू महिलाएं भी अपनी बात पर अड़ी रहीं । एक और धर्मांध दौड़कर आया और बोला, “अगर तुम लाइटें नहीं हटाओगे तो हम उन्हें तोड देंगे।” कुल मिलाकर स्थानीय हिन्दू नागरिक तो सुलह की भूमिका निभा रहे हैं, लेकिन धर्मांध सुनने की स्थिति में नहीं हैं । प्रदर्शनकारियों में एक स्नातक इंजीनियर और एक उद्यमी भी शामिल थे । इसके बाद यह पता नहीं चल पाया है कि इस बिल्डिंग में दीपक जलाए अथवा नहीं ।
स्रोत : हिंदी सनातन प्रभात