न्यायालय द्वारा ज्ञानेश महाराव की अग्रिम जमानत याचिका खारिज किए दो महीने बाद भी पुलिस निष्क्रिय है!
करोड़ों हिंदुओं के आराध्य देव प्रभु श्रीराम और अक्कलकोट के श्री स्वामी समर्थ के बारे में अत्यंत आपत्तिजनक और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले बयान देने के मामले में अक्कलकोट पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था। इस संबंध में ज्ञानेश महाराव द्वारा सोलापुर सत्र न्यायालय में दायर की गई अग्रिम जमानत याचिका को न्यायालय ने खारिज किए दो महीने हो चुके हैं; लेकिन अभी तक पुलिस ने उनके खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की है, जो अत्यंत निंदनीय है। पुलिस की इस निष्क्रिय भूमिका के कारण श्रीराम भक्त, स्वामी समर्थ भक्त और समस्त हिंदू समाज में तीव्र असंतोष फैला हुआ है। पुलिस प्रशासन को ज्ञानेश महाराव को तुरंत गिरफ्तार करना चाहिए अन्यथा न्यायालय का अवमान करने के लिए हम अवमानना याचिका दायर करेंगे, ऐसी चेतावणी ‘प्रज्ञापुरी ज्ञानपीठ अक्कलकोट’ और ‘हिंदू जनजागृति समिति’ द्वारा दि गयी है । इस संबंध में एक ज्ञापन सोलापुर के जिलाधिकारी को दिया गया। इस दौरान प्रज्ञापुरी ज्ञानपीठ अक्कलकोट के श्री प्रसाद पंडित, हिंदू जनजागृति समिति के श्री राजन बुणगे, श्री दत्तात्रय पिसे और सनातन संस्थे के श्री हिरालाल तिवारी उपस्थित थे।
भारतीय दंड संहिता 2023 की धारा 299 और 302 के तहत अक्कलकोट पुलिस स्टेशन में ज्ञानेश महाराव के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। साथ ही मा. सत्र न्यायालय सोलापुर ने इस संज्ञेय अपराध में जमानत खारिज कर दी है। अपराध होने के दो महीने बाद भी कार्रवाई नहीं की गई है। इससे पुलिस प्रशासन की कार्यक्षमता और निष्पक्षता पर प्रश्नचिन्ह लगता है। कुल मिलाकर कार्रवाई में देरी करने के लिए संबंधितों के विरुद्ध कार्रवाई की जाए, ऐसी मांग भी इस दौरान की गई।
नवी मुंबई के विष्णुदास भावे नाट्यगृह में संभाजी ब्रिगेड के कार्यक्रम में ज्ञानेश महाराव ने सार्वजनिक मंच पर हिंदुओं के धार्मिक श्रद्धा के बारे में अत्यंत बदनामीपूर्ण और आपत्तीजनक बयान दिए थे। इस कारण अक्कलकोट पुलिस स्टेशन में उनके विरुद्ध मामला दर्ज किया गया है। इसी मामले में महाराष्ट्र में कुल पांच जगहों पर उनके विरुद्ध मामले दर्ज हुए हैं। ऐसे में भी पुलिस ने अभी तक उन्हें गिरफ्तार नहीं किया है। हिंदू सहिष्णु हैं। कानूनी प्रक्रिया पर विश्वास करते हैं; इसलिए उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचाने वालों को न्यायालय द्वारा अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने के बाद भी गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है, यह समज के परे है। अगर यही घटना अन्य समुदाय विशेष के संदर्भ में हुई होती, तो पुलिस तुरंत आरोपी को गिरफ्तार करके जेल भेज देती, ऐसा हिंदू जनजागृति समिति ने कहा है।