अब शिवड़ी, लोहगढ सहित सभी किलों पर अवैध निर्माणों को ध्वस्त किया जाए!
नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास ‘शहर और औद्योगिक विकास महामंडळ’ (सिडको) की जमीन पर अवैध रूप से बनाई गई दरगाह और अन्य अवैध निर्माणों को प्रशासन ने ध्वस्त कर दिया है। हिंदू जनजागृति समिति के लगातार प्रयासों को ईश्वर की कृपा से बड़ी सफलता मिली है। इस मामले में गंभीरता से संज्ञान लेते हुए सरकार द्वारा की गई कार्रवाई के लिए समिति की ओर से हम सरकार को हार्दिक अभिनंदन करते हैं।
इसी तरह किला विशालगढ, किला कुलाबा, किला लोहगढ, किला वंदनगढ, किला शिवड़ी आदि पर अतिक्रमण किए जाने के मामले सामने आए हैं। छत्रपति शिवाजी महाराज के पदस्पर्श से पावन हुऐ गढ-दुर्गों पर बने सभी अवैध निर्माणों को हटाना आवश्यक है। हिंदू जनजागृति समिति ने लगातार इस मांग को उठाया था जिसके कारण माहीम किले पर अवैध निर्माण हटाए गए थे; लेकिन आज राज्य के 35 महत्वपूर्ण गढ-दुर्गों पर ऐसे अवैध निर्माण होने के बारे में स्वयं राज्य पुरातत्व विभाग कहता है। किला प्रतापगढ, माहीम किला और नवी मुंबई में अवैध निर्माण जिस तरह हटाए गए थे, उसी तरह राज्य के 35 महत्वपूर्ण गढ-दुर्गों पर हुए ऐसे अतिक्रमणों को हटाने के लिए सरकार तत्काल कदम उठाए, यह हमारी मांग है।
सिडको की जमीन पर बनाई गई अवैध दरगाह और अन्य निर्माणों के कारण नवी मुंबई में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा पैदा हो गया था। वर्ष 2012 में चार पत्थरों को सफेद और हरा रंग दिया गया था। आज वर्ष 2024 में उन्होंने एक एकड़ की संपत्ति पर कब्जा कर लिया था। पेड़ के नीचे चार सफेद रंग के पत्थरों के साथ कंपाउंड, फव्वारे, गुंबद, पानी की टंकियां, आउटहाउस, गेस्ट हाउस और पार्किंग वाला एक बड़ा दरगाह बन गया था। यह बहुत गंभीर था। इसके विरोध में समिति ने पहली शिकायत मार्च 2023 में और दूसरी शिकायत अक्टूबर 2024 में की थी। उस समय हिंदू जनजागृति समिति के मुंबई जिला समन्वयक श्री बलवंत पाठक, समिति के श्री महेश लाड और पत्रकार विजय भोर ने सिडको के निरीक्षण अधिकारियों से मुलाकात की थी। इस पर सिडको की ओर से कार्रवाई करने के संबंध में सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली थी। उक्त अवैध निर्माण को हटाकर नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के परिसर की सुरक्षा सुनिश्चित की गई है, उसी प्रकार राज्य के गढ-किल्लों पर अवैध निर्माणों को हटाकर वहां की पवित्रता और संस्कृति को अक्षुण्ण रखा जाए, ऐसा समिति ने कहा है।