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माहीम में हिन्दू जनजागृति समिति के ५ दिनों का शौर्य प्रशिक्षण शिविर

देवी-देवता, देश एवं धर्म के लिए स्वयं धर्माचरणी होकर समाज को संगठित करना चाहिए ! – महेश लाड, हिन्दू जनजागृति समिति

शिविर में उपस्थित शिविरार्थी, अभिभावक एवं प्रशिक्षक

माहीम : देश के हिन्दुओं की स्थिति को देखते हुए हम सभी को संगठित होने की अत्यंत आवश्यकता है । राष्ट्र एवं धर्म रक्षा, यह प्रत्येक हिन्दू युवक-युवती का दायित्व है । इसलिए हमें धर्मशिक्षा लेकर ईश्वर की सहायता पाने के लिए साधना करनी चाहिए । स्वयं धर्माचरणी होकर हिन्दू समाज को संगठित करना चाहिए, ऐसा प्रतिपादन हिन्दू जनजागृति समिति के युवा संगठक श्री. महेश लाड ने किया । यहां ६ से १० नवंबर तक दीपावली की छुट्टियों के समय समिति की ओर से आयोजित ५ दिन के शौर्य प्रशिक्षण शिविर के अंतिम दिन वे बोल रहे थे ।

इस शिविर में कराटे, दंड साखळी का प्रशिक्षण दिया गया । छत्रपति शिवाजी महाराज एवं क्रांतिकारियों के उदाहरण देकर मानसिक बल बढाने के लिए प्रसंगों का अभ्यास किया गया । धर्माचरण करने का महत्त्व, साधना की आवश्यकता इत्यादि विषयों पर मार्गदर्शन कर प्रशिक्षणार्थियों से प्रत्यक्ष कृति करवाई गई ।

क्षणिका – स्थानीय धर्मप्रेमी श्री. दत्ता कानेरे ने कुछ लडकों को शिविर में सम्मिलित होने हेतु प्रेरित किया ।

अभिभावकों के अभिप्राय

१. श्री. उन्मेष बैकर – समिति का कार्य प्रशंसनीय है । प्रशिक्षण के माध्यम से युवकों में प्रतिकार की क्षमता निर्माण होगी ।

२. श्रीमती केयूर – मेरी बेटी कॉन्वेंट विद्यालय में पढी होने से उसे बिंदी लगाने की आदत नहीं है; परंतु अब यहां बताए अनुसार मैं उससे यह कृति करवा लूंगी । हमें अपने बच्चों पर त्योहारों का महत्त्व अंकित करना चाहिए । समिति का कार्य अच्छा है ।

 

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