Menu Close

हिन्दू राष्ट्र समन्वय समिति ने उजागर किया ‘गोवा इन्क्विजिशन’का इतिहास

डिचोली : हिन्दू राष्ट्र समन्वय समिति की ओर से बोर्डे, डिचोली के श्री रवळनाथ सभागृह में हाल ही में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन कर ‘गोवा इन्क्विजिशन’का इतिहास उजागर किया गया । इस कार्यक्रम द्वारा ‘गोवा इन्क्विजिशन’के माध्यम से गोमंतकवासियों पर किए गए अत्याचारों की स्मृतियों पर प्रकाश डाला गया । इस कार्यक्रम में प्रमुख अतिथि के रूप में शिवप्रेमी तथा इतिहासतज्ञ श्री. सचिन मदगे एवं प्रमुख अतिथि के नाते से श्री. मुकुंद कवठणकर की उपस्थिति थी ।

बाएं से श्री. मुकुंद कवठणकर, श्री. सचिन मदगे एवं श्री. गोविंद चोडणकर

कार्यक्रम का प्रारंभ मान्यवरों के हस्तों दीपप्रज्वलन से हुआ । इस अवसर पर श्री. मुकुंद कवठणकर ने ‘गोवा इन्क्विजिशन’का विषय कार्यक्रम में लेने का कारण स्पष्ट किया । वे बोले, ‘‘ऐतिहासिक प्रमाण, दस्तावेज (कागदपत्र) और काल की परिस्थिति का अभ्यास करने पर उस काल में हिन्दुओं पर हुए अन्याय की जानकारी नहीं मिल सकती । वास्तव में छत्रपति संभाजी महाराज ने पुर्तगालियों के विरोध की लढाई जीत ली थी; परंतु गलत इतिहास प्रस्तुत कर ऐसा बताया जाता है कि ‘पुराने गोवा (ओल्ड गोवा) में फ्रान्सिस जेवियर के शव से की गई प्रार्थना फलदायी हुई’ । इसलिए हमें छत्रपति संभाजी महाराज के पराक्रम के कारण हमें ‘शंभू प्रताप दिन’ मनाना चाहिए ।’’

कार्यक्रम के प्रारंभ में श्री. गोविंद चोडणकर ने उपस्थितों का स्वागत कर, प्रस्तावना प्रस्तुत की । कार्यक्रम का सूत्रसंचालन श्री. राहुल वझे ने किया ।

कार्यक्रम में पारित प्रस्ताव

१. गोवा में इन्क्विजिशन लादे जाने के लिए ईसाइयों के सर्वाेच्च धर्मगुरु पोप को गोमंतकवासियों से क्षमा मांगनी चाहिए ।
२. ‘गोवा इन्क्विजिशन’के अभ्यास का समावेश विद्यालय के अभ्यासक्रम में करना चाहिए ।

३. पुराने गोवा के ऐतिहासिक ‘हात कातरो खांबा’ (हाथ काटे जानेवाला खंबा यानी इस खंबे के पास जो भी ईसाई बनना अस्वीकार कर देता उसके यहां हाथ काट दिए जाते थे) को काले राष्ट्रीय स्मारक के रूप में घोषित कर उसका संरक्षण और संवर्धन करना चाहिए ।

४. पुर्तगालियों द्वारा उद्ध्वस्त किए गए मंदिरों का पुनर्निर्माण किया जाए ।

Related News