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हिन्दू जनजागृति समिति की ‘एक दिन शिवाजी के सान्निध्य में’ मुहिम : छ. शिवाजी महाराजजी के जयघोष से गूंज उठा अर्नाळा

‘एक दिन शिवाजी के सान्निध्य में’ मुहिम अंतर्गत युवकों को राष्ट्र-धर्म के प्रति सक्रिय करने की मुहिम !

अर्नाळा गढ पर स्वरक्षा प्रशिक्षण सीखते समय युवक-युवती

मुंबई – ‘एक दिन शिवाजी के सान्निध्य में’ इस मुहिम के अंतर्गत हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से २४ नवंबर को वसई में अर्नाळा दुर्ग पर मुहिम संपन्न हुई । छत्रपति शिवाजी महाराज और मावळों (सैनिकों) के दैदीप्यमान शौर्य, राष्ट्र एवं धर्म के लिए उनका योगदान, हिन्दू युवक और युवतियों के मन पर अंकित करना, इसके साथ ही वर्तमानकाल में हिन्दू संगठन का महत्त्व, राष्ट्र-धर्म के प्रति दायित्व का भान करवाने के उद्देश्य से समिति मुहिम चला रही है । इस मुहिम को उत्स्फूर्त प्रतिसाद देते हुए अर्नाळा में बहुत लोगों ने मुहिम में सहभाग लिया ।

इतिहास अभ्यासक श्री. निनाद पाटील के हस्तों पुष्पहार अर्पण कर मुहिम निर्विघ्न संपन्न होने के लिए प्रार्थना की गई । गढ के प्रवेशद्वार पर छत्रपति शिवाजी महाराज का अश्वारूढ प्रतिमा को समिति के युवा संगठक श्री. महेश लाड ने पुष्पहार अर्पण किया । श्री. निनाद पाटील ने उपस्थितों को गढ की जानकारी दी । नरवीर चिमाजीअप्पा, पेशवे और मावळे (शिवाजी महाराज के सैनिकों को मावळे कहते हैं) के अभूतपूर्व शौर्य और राष्ट्र रक्षा के लिए किए गए संघर्ष पर प्रकाश डालते हुए कहा, ‘युवा पीढी को शौर्य और संघर्ष का अभ्यास होना आवश्यक है । सर्वत्र हिन्दुओं पर होनेवाले आक्रमणों से हिन्दू समाज की रक्षा करने के लिए शिवाजी समान स्वराज्य की शपथ लेकर राष्ट्र-धर्म के कार्य में सम्मिलित होना चाहिए । वहां स्वच्छता की गई और फिर मंदिर परिसर में बैठकर सामूहिक नामजप किया गया । तदुपरांत स्वरक्षा प्रशिक्षण के प्रात्यक्षिक दिखाकर, उपस्थितों को उसका प्रशिक्षण दिया गया । समिति के युवा संगठक श्री. महेश लाड ने ‘धर्मकार्य की दिशा’ विषय पर उपस्थितों को संबोधित किया । इस मुहिम का समापन सामूहिकरूप से हिन्दू राष्ट्र की शपथ लेकर हुआ ।

विशेष !

मुहिम में छोटे बच्चे और प्रौढ भी सम्मिलित हुए । एक श्वान मुहिम के प्रारंभ से सभी के साथ चल रहा था । श्री. सुयश सावंत ने शौर्यगीतों को गाते हुए मुहिम का उत्साह बढाया ।

अभिप्राय

१. भीडवाले स्थानों पर मुझे जाने से भय लगता था । स्वरक्षा प्रशिक्षण सीखने से अब डर दूर हो गया है । त– कु. आर्या वैती, नालासोपारा

२. समिति के उपक्रम का नियोजन और अनुशासन मुझे प्रेरित करता है । – श्री. सचिन पवार, परेल

३. मैं अनेक गढ-दुर्ग सुरक्षा मुहिमों में सम्मिलित होता हूं; परंतु समिति का कार्य सदैव कृति और अध्यात्म स्तर पर ही होता है । – श्री. सुयश सावंत

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