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प्रभु श्रीराम के बारे में आपत्तिजनक बयान देने पर इल्तिजा मुफ्ती पर कानूनी कार्रवाई की जाए- हिंदू जनजागृति समिति

कश्मीरी हिंदुओं के नरसंहार पर मुफ्ती परिवार को कभी शर्म महसूस हुई है क्या?

मेहबूबा मुफ्ती के शासनकाल में कश्मीर में हिंदुओं का जो नरसंहार हुआ; हिंदू महिलाओं पर हुए अत्याचार और मासूम बच्चों की हत्याएं हुईं, इस पर क्या कभी इल्तिजा मुफ्ती को शर्म महसूस हुई? कई वर्षाें तक कश्मीर के लाल चौक पर दिनदहाड़े भारत का राष्ट्रीय ध्वज जलाया जाता रहा, तब क्या मुफ्ती परिवार का सिर शर्म से झुका? लेकिन अब वे भगवान श्रीराम पर टिप्पणी कर कहती हैं कि, ‘उन्हें शर्म आनी चाहिए।’ भगवान श्रीराम का अपमान करने वाली और हिंदू विरोधी इल्तिजा मुफ्ती पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए, ऐसी मांग हिंदू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री रमेश शिंदे ने की है।

हाल ही में कश्मीर की पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री मेहबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक आपत्तिजनक पोस्ट की। इस पोस्ट में उन्होंने लिखा, ‘हिंदुत्व एक बीमारी है जिसने करोड़ों भारतीयों को अपनी चपेट में ले लिया है और भगवान के नाम को कलंकित किया है। प्रभु श्रीराम को शर्म आनी चाहिए।’ एक कथित वीडियो, जिसकी लोकेशन और समय अज्ञात है, को आधार बनाकर इल्तिजा ने हिंदुओं के आराध्य प्रभु श्रीराम और हिंदू धर्म पर सीधा आपत्तिजनक बयान देकर करोड़ों हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को आहत किया है।

ऐसे बयान अगर किसी हिंदू ने दिए होते, तो तुरंत ‘सर तन से जुदा’ के नारे लगते और उस पर तुरंत कार्रवाई होती। मेहबूबा मुफ्ती के शासनकाल में बी.के. गंजू को एक कंटेनर में बंद करके उनकी हत्या कर दी गई थी। इसके बाद उनकी पत्नी को उनके सामने उनके छोटे बच्चे को मार दिया गया और खून से सना हुआ चावल खाने को मजबूर किया गया। इन घटनाओं पर कभी मुफ्ती परिवार को शर्म महसूस नहीं हुई।

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