हिन्दुओं की समस्त समस्याओं पर एकमेव उपाय है हिन्दू राष्ट्र की स्थापना ! – संतोष देसाई, हिन्दू जनजागृति समिति
आटपाडी (जिला सांगली) – इस जगत में अनेक ईसाई और मुसलमान राष्ट्र हैं; परंतु एक भी हिन्दू राष्ट्र नहीं है । हिन्दू धर्म पर होनेवाले अनेक आघातों को रोकने के लिए इस देश को हिंदवी स्वराज्य समान हिन्दू राष्ट्र के अतिरिक्त पर्याय नहीं ! हिन्दुओं की समस्त समस्याओं पर एकमेव उत्तर अर्थात हिन्दू राष्ट्र की स्थापना ही है, ऐसा प्रतिपादन हिन्दू जनजागृति समिति के सांगली जिला समन्वयक श्री. संतोष देसाई ने यहां किया । यहां के ‘शौर्य ग्रैंड’ नामक उपाहारगृह के सभागृह में मार्गदर्शन हुआ । हिन्दू राष्ट्र निर्मिति की दृष्टि से समाज में गलत धारणाएं फैलाई जा रही हैं । वे दूर हों, इस दृष्टि से हिन्दू जनजागृति समिति को ‘हिन्दू राष्ट्र की आवश्यकता क्या है ?’ इस विषय पर मार्गदर्शन करने के लिए विशेषरूप से आमंत्रित किया गया था । श्री. संतोष देसाई ने १ घंटे की भेंटवार्ता में सभी शंकाओं का निरासन किया ।
मुंबई के पत्रकार श्री. किशोर बोराटे ने श्री. संतोष देसाई की ‘हिन्दू राष्ट्र की आवश्यकता क्या है ?’, इसके साथ ही हिन्दुत्व के संदर्भ में वर्तमान में जो भी गतिविधियां हो रही हैं, उसकी विस्तार से मुलाकात ली । श्री. किशोर बोराटे ‘तीसरा नेत्र’ इस नाम से ‘यू ट्यूब’ सामाजिक माध्यम से जानकारी प्रसारित करते हैं । इस कार्यक्रम का प्रास्ताविक श्री. मधुकर माळी ने किया । इस अवसर पर हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. संजय घाटगे, ‘सनातन प्रभात’के पाठक उपस्थित थे । इस कार्यक्रम को पुणे, मुंबई, नासिक, धुळे, सातारा आदि विविध शहरों के हिन्दुत्वनिष्ठ और धर्मप्रेमियों का उत्स्फूर्त प्रतिसाद मिला ।
हिन्दुत्वनिष्ठ मधुकर माळी ने कार्यक्रम के लिए जिज्ञासुओं को संगठित किया !आटपाडी में हिन्दुत्वनिष्ठ श्री. मधुकर माळी ने ‘हिन्दुत्व ही राष्ट्रीयत्व’ इस सामाजिक माध्यम समूह गुट के सभी महाराष्ट्र के जिज्ञासुओं को ‘ऑनलाईन’ जोडकर चौथे सम्मेलन का आयोजन आटपाडी में किया था । इसमें विदर्भ, उत्तर महाराष्ट्र, मुंबई, ठाणे, कोल्हापुर, सांगली, सातारा, अहिल्यानगर, जळगांव, नासिक, पुणे शहरों से जिज्ञासु, धर्मप्रेमी और हिन्दुत्वनिष्ठ उपस्थित थे । |
क्षणिकाएं
१. ‘हिन्दूराष्ट्र : आक्षेप एवं खंडन’, नामक ग्रंथ के साथ ही ‘सनातन’का पंचांग लेने के विषय में हिन्दुत्वनिष्ठ श्री. मधुकर माळी के आवाहन करने के पश्चात उपस्थित जिज्ञासुओं ने ग्रंथ और पंचांग खरीदे ।
२. ‘१ घंटे की भेटवार्ता में अनेक प्रश्नों के उत्तर मिल गए’, ऐसा अभिप्राय उपस्थित सभी हिन्दुत्वनिष्ठ एवं जिज्ञासुओं ने दिया ।