पटियाला न्यायालय द्वारा दिल्ली आर्ट गैलरी के सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित रखने के आदेश!
नई दिल्ली – दिल्ली आर्ट गैलरी में हिंदू देवी-देवताओं के आपत्तिजनक चित्र प्रदर्शित करने के मामले में हिंदू जनजागृति समिति और अन्य हिंदुत्वनिष्ठ संगठनों द्वारा की गई शिकायत पर पटियाला न्यायालय ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है। पटियाला हाउस न्यायालय के माननीय मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट श्री. साहिल मोंगा ने संबंधित अवधि (04 दिसंबर 2024 से 10 दिसंबर 2024) की सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित रखने का आदेश दिया है।
इस पर हिंदू जनजागृति समिति के प्रवक्ता श्री. नरेंद्र सुर्वे ने कहा कि, यह धर्मरक्षा के लिए लड़नेवाले योद्धाओं और हिंदुत्वनिष्ठ संगठनों की बड़ी सफलता है। यह आदेश भविष्य में आवश्यक साक्ष्य जुटाने में सहायक होगा। हमारी मांग है कि सत्य से छेड़छाड़ कर सबूत मिटाने का प्रयास करनेवालों पर कड़ी कारवाई होनी चाहिए।
Pressnote
Date : 19.12.2024
Controversial Paintings of Anti Hindu Artist M F Hussain removed secretly : Evidence Manipulated
Patiala Court Orders Safeguarding of CCTV Footage from Delhi Art Gallery!
New Delhi – In response to a complaint by the Hindu Janajagruti Samiti (HJS)… pic.twitter.com/UImUccITwk
— HinduJagrutiOrg (@HinduJagrutiOrg) December 19, 2024
दिल्ली आर्ट गैलरी में ‘हुसेन: द टाइमलेस मॉडर्निस्ट’ नामक प्रदर्शनी में हिंदू देवी-देवताओं के नग्न और आपत्तिजनक चित्र प्रदर्शित किए गए। इसमें एक चित्र में भगवान श्री गणेश की गोद में एक नग्न महिला (संभवतः रिद्धि/सिद्धि) को बैठा दिखाया गया है। दूसरे चित्र में भगवान हनुमान एक नग्न महिला (संभवतः सीता माता) को एक हाथ में पकड़कर उड़ते हुए दिख रहे हैं। वहीं, एक अन्य चित्र में बिना सिर वाले भगवान शिव की गोद में एक नग्न महिला को बेहद आपत्तिजनक तरीके से दर्शाया गया है। ये चित्र हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को जानबूझकर आहत करने वाले हैं। समिति ने भारतीय दंड संहिता की धारा 295(ए) और भारतीय न्याय संहिता की धारा 299 के तहत आयोजकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की थी।
शिकायत के बाद, गैलरी प्रबंधन ने चुपचाप आपत्तिजनक चित्र हटा दिए, लेकिन पुलिस के सामने चित्रों की उपस्थिति के विषय से इनकार किया। समिति की ओर से अधिवक्ता अमिता सचदेवा और अन्य अधिवक्ताओं ने पटियाला हाउस न्यायालय में सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित रखने और एफआईआर दर्ज कराने के लिए आवेदन प्रस्तुत किया। माननीय न्यायाधीश ने सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित रखने के आवेदन को स्वीकार करते हुए दिल्ली पुलिस को निर्देश दिए कि वे उक्त अवधि की फुटेज सुरक्षित रखें और रिपोर्ट पेश करें। मामले की अगली सुनवाई 4 जनवरी 2025 को होगी।
इस संघर्ष में सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता मकरंद अडकर, अधिवक्ता शांतनु, अधिवक्ता केसरी, अधिवक्ता विक्रम, अधिवक्ता यादवेंद्र, सनातन स्वाभिमान सभा के अध्यक्ष ब्रिजेश शर्मा और समिति के प्रवक्ता श्री. नरेंद्र सुर्वे शामिल हैं।