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बांग्लादेश में एक हिंदू मंदिर के ५५ वर्षीय सेवक की हत्या

मंदिर में लूटपाट की गई !

ढाका (बांग्लादेश) – बांग्लादेश के नाटोर जिले के कासिमपुरा में एक मंदिर के सेवक तरुण दास (५५ वर्ष की आयु) की एक अज्ञात व्यक्ति ने हत्या कर दी। इस मंदिर को लूटने के बाद देखा गया कि दास की हत्या हुई है। दास के हाथ प्लास्टिक की रस्सियों से बंधे हुए थे, जबकि सिर में चोट आई थी। अधिक खून बहने से उनकी मृत्यू हो गई। हिंदू संगठन ‘सनातन जागरण जोत’ द्वारा इसके विरुद्ध प्रदर्शन किया गया।

१. कोलकाता के इस्कॉन के प्रवक्ता राधारमन दास ने सामाजिक माध्यम पर पोस्ट करके इस घटना का विरोध किया है। राधारमन दास ने कहा कि बांग्लादेश पुलिस ने इस घटना को डकैती का प्रकरण बताया है। यह कैसे हो सकता है कि लूटपाट और हिंसा की घटनाओं में केवल हिंदुओं को ही निशाना बनाया जाता है ?

२. इस्कॉन के एक अन्य अनुयायी ने कहा कि स्थिति लगातार बिगडती जा रही है, इसलिए केवल चर्चा ही काम नहीं करेगी। भारत सरकार के अनुसार, ८ दिसंबर, २०२४ तक हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के विरुद्ध हिंसा की २ हजार २०० घटनाएं हुई हैं। यह आंकड़ा गलत है; क्योंकि कई घटनाएं लिखित नहीं हैं।

३. एक मंदिर की तस्वीर ‘एक्स’ अकाउंट ‘व्हॉईस ऑफ बांग्लादेशी हिंदू’ पर प्रसारित की गई है, जिसमें हिंदू देवताओं की मूर्तियों को हानी पहुंची है ऐसा देखा जा रहा है। इसमें कहा गया है कि जमात-ए-इस्लामी के सदस्यों ने बीरगंज उप-जिला के झारबारी गांव में एक हिंदू मंदिर पर आक्रमण किया और मूर्ति की तोडफोड की।

स्रोत : हिन्दी सनातन प्रभात

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