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‘महाराष्ट्र मंदिर न्यास परिषद’ के विरुद्ध झूठी शिकायत कर बदनाम करने वाली ‘सिटीजन फॉर जस्टिस एंड पीस’ पर कार्रवाई की मांग

अहिल्यानगर के पुलिस अधीक्षक ने जांच का आश्वासन दिया!

बाई और से प्रतीक्षा कोरगावकर, अहिल्यानगर के एस.पी. श्री राकेश ओला, महाराष्ट्र मंदिर महासंघ के कोर टीम सदस्य तथा बुऱ्हानगर जगदंबा भवानी मंदिर के प्रमुख अधिवक्ता अभिषेक भगत, और स्वामी समर्थ केंद्र के प्रतिनिधि श्री अजिंक्य गायकवाड

अहिल्यानगर – मंदिरों की समस्याओं को सुलझाने और मंदिरों के सुचारू प्रबंधन को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से 24 से 25 दिसंबर 2024 के बीच शिर्डी में तृतीय ‘महाराष्ट्र मंदिर न्यास परिषद’ का आयोजन किया गया। लेकिन तिस्ता सेतलवाड और फादर सेर्डिक के ‘सिटीजन फॉर जस्टिस एंड पीस’ (CJP) संगठन ने इस परिषद के विरुद्ध झूठी शिकायत कर सामाजिक विद्वेष फैलाने की प्रयास की है। इस संबंध में मंदिर महासंघ के कु. प्रतीक्षा कोरगांवकर, महाराष्ट्र मंदिर महासंघ की कोर टीम के सदस्य और बुरहानगर जगदंबा भवानी मंदिर के प्रमुख अधिवक्ता अभिषेक भगत, स्वामी समर्थ केंद्र के प्रतिनिधि श्री अजिंक्य गायकवाड़ ने अहिल्यानगर के पुलिस अधीक्षक श्री राकेश ओला को लिखित शिकायत दी। इस दौरान अधीक्षक ने शिकायतकर्ताओं को मामले की जांच का आश्वासन दिया। इस मौके पर श्री तुळजाभवानी मंदिर, सब जेल चौक (अहिल्यानगर) के श्री गणेश पलंगे भी उपस्थित थे। इसी प्रकार की शिकायत शिर्डी पुलिस स्टेशन में भी दर्ज कराई गई है।

‘महाराष्ट्र मंदिर महासंघ,’ विरार के श्री जीवदानी देवी संस्था, श्री ज्योतिर्लिंग भीमाशंकर देवस्थान, श्री साई पालखी निवारा, और हिंदू जनजागृति समिति द्वारा शिर्डी में यह कार्यक्रम शांतिपूर्ण और सफलतापूर्वक आयोजित किया गया। इतना ही नहीं, २०२३ में जलगांव और २०२४ में ओझर (पुणे) में भी इसी प्रकार सफल आयोजन किया गया था। इन सभी आयोजनों में किसी भी प्रकार की अनुचित घटना या धार्मिक सद्भाव बिगाड़ने की बात सामने नहीं आई।

फिर भी ‘सिटीजन फॉर जस्टिस एंड पीस’ ने जानबूझकर झूठी शिकायत दर्ज कराई और भारतीय संविधान द्वारा दिए गए धर्म स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति स्वतंत्रता जैसे मौलिक अधिकारों पर आघात करने की कोशिश की है। इस संगठन पर भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ झूठे आरोप लगाना, बेस्ट बेकरी मामले में गवाहों को पैसे देकर झूठी गवाही दिलवाना, अदालत को गुमराह करने के लिए झूठे सबूत देना, संगठन में वित्तीय गड़बड़ी करना, और विदेश से फंडिंग में घोटाले करने जैसे गंभीर आरोप लगे हैं।

इसलिए ‘सिटीजन फॉर जस्टिस एंड पीस’ द्वारा परिषद के विरुद्ध झूठी शिकायत के पीछे हिंदू-विरोधी षड्यंत्र है या नहीं, क्या संगठन ने राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय फंडिंग प्राप्त की है, और क्या युवाओं को भड़काने की कोशिश हो रही है, इन सभी मामलों की जांच की मांग शिकायतकर्ताओं ने की है।

यह संगठन लंबे समय से धार्मिक सौहार्द बिगाड़ने का कार्य कर रहा है। जानबूझकर हिंदूवादी संगठनों और नेताओं के विरुद्ध ही शिकायत करना और झूठे आरोप लगाना इसके कार्यों में शामिल है। इस शिकायत की प्रति राज्य के गृहमंत्री, पुलिस महानिदेशक, जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक, और शिर्डी पुलिस स्टेशन को भी भेजी गई है।

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