विशालगढ की रक्षा और अतिक्रमणविरोधी कृति समिति का निवेदन
कोल्हापुर – विशालगढ पर अब भी लगभग ५० अतिक्रमण हैं । इस संदर्भ में उच्च न्यायालय ने पुरातत्व विभाग को शेष अतिक्रमणों के विषय में सुनवाई कर, वे भी तत्काल हटाने के संदर्भ में अगला निर्णय लेने के लिए कहा है । प्रशासन अब से ये अतिक्रमण भी समयमर्यादा रखकर हटवाए । एक ओर गढ अतिक्रमणमुक्त होना प्रारंभ तो हुआ है, फिर भी अब तक गढ पर के मंदिरों एवं योद्धाओं के स्मारकों का जीर्णोद्धार करने के विषय में प्रशासन द्वारा विशेष प्रयत्न होते दिखाई नहीं दे रहे । उस विषय में भी प्रशासन रूपरेखा बनाकर कृति आरंभ करे । जुलाई २०२४ से प्रशासन ने गजापुर से विशालगढ तक जानेवाला रास्ता बंद कर दिया है। कुछ संगठनों ने यह मार्ग खोलने की मांग की थी; परंतु गढ पर अतिक्रमण संपूर्णरूप से हटाने के पश्चात ही यह रास्ता पर्यटकों के लिए खोला जाए, ऐसी मांग करते हुए निवेदन ‘विशालगढ रक्षा और अतिक्रमणविरोधी कृति समिति’की ओर से जिलाधिकारी अमोल येडगे को दिया गया ।
इस प्रसंग में जिलाधिकारी अमोल येडगे ने कहा, ‘‘न्यायालय के आदेश अनुसार प्रशासन योग्य कृति कर रहा है । उस अनुसार अब पुरातत्व विभाग आगे कर रहा है । प्रशासन किसी के भी दबाव की बलि नहीं चढेगा !’’
इस अवसर पर उद्धव बाळासाहेब ठाकरे पक्ष के उपजिलाप्रमुख श्री. संभाजीराव भोकरे, हिन्दू महासभा के राज्य संगठक श्री. मनोहर सोरप, जिलाध्यक्ष श्री. राजेंद्र तोरस्कर, शिवसेना के उपजिलाप्रमुख श्री. उदय भोसले और श्री. किशोर घाटगे, ‘मराठा तितुका मेळवावा’के श्री. योगेश केरकर, ‘भारत रक्षा मंच’के श्री. कैलास दीक्षित, हिन्दू महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष श्री. नंदकुमार घोरपडे, ‘महाराष्ट्र मंदिर महासंघ’के जिला सहसंयोजक श्री. अभिजीत पाटील आैर श्री. अभिजीत गुरव, अधिवक्ता प्रदीप पुजारी, हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. शिवानंद स्वामी, हिन्दुत्वनिष्ठ श्री. रामभाऊ मेथे, ‘विशालगढ रक्षा और अतिक्रमणविरोधी कृति समिति’के निमंत्रक श्री. बाबासाहेब भोपळे सहित अन्य उपस्थित थे ।